9/11 Terror Attack: 11 सितंबर 2001 का दिन न केवल अमेरिकी इतिहास बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक भयानक त्रासदी के रूप में याद किया जाता है। 23 साल बीत जाने के बाद भी उस दिन की भयावहता लोगों के दिलों में ताजा है। उस दिन, अल-कायदा (Al-Qaeda) के आतंकियों ने अमेरिका पर एक ऐसा हमला किया जिसने अंतरराष्ट्रीय राजनीति और सुरक्षा को एक नया मोड़ दे दिया। इस घटना ने न केवल हजारों लोगों की जान ली, बल्कि दुनिया को आतंकवाद के खतरों से भी वाकिफ कराया।
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विमानों का हाईजैक करना
अल-कायदा के 19 आतंकियों ने चार अमेरिकी कॉमर्शियल विमानों को हाईजैक किया और इन विमानों का इस्तेमाल विनाशकारी हमलों के लिए किया। इन आतंकियों ने अमेरिका के प्रतिष्ठित स्थलों पर तबाही मचाई।
- अमेरिकन एयरलाइंस फ्लाइट 11 और यूनाइटेड एयरलाइंस फ्लाइट 175 को हाईजैक कर न्यूयॉर्क के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के उत्तर और दक्षिण टॉवर्स से टकरा दिया गया, जिससे टॉवर्स में आग लग गई और कुछ ही समय में वे धराशायी हो गए।
- अमेरिकन एयरलाइंस फ्लाइट 77 को वर्जीनिया में पेंटागन (अमेरिकी रक्षा विभाग का मुख्यालय) से टकराया गया, जिसमें कई लोगों की जान चली गई।
- यूनाइटेड एयरलाइंस फ्लाइट 93 में यात्रियों ने बहादुरी दिखाते हुए आतंकियों से विमान का नियंत्रण वापस लेने की कोशिश की, जिससे विमान पेंसिल्वेनिया के खेतों में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। माना जाता है कि इस विमान का असली निशाना वॉशिंगटन डीसी का व्हाइट हाउस या यूएस कैपिटल था।
विनाश के मिनटों में बदलते दृश्य
- 8:46 AM: अमेरिकन एयरलाइंस फ्लाइट 11 वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के उत्तर टॉवर से टकराया।
- 9:03 AM: यूनाइटेड एयरलाइंस फ्लाइट 175 वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के दक्षिण टॉवर से टकराया।
- 9:37 AM: अमेरिकन एयरलाइंस फ्लाइट 77 पेंटागन से टकराया।
- 10:03 AM: यूनाइटेड एयरलाइंस फ्लाइट 93 पेंसिल्वेनिया के एक खेत में क्रैश हो गया।
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तबाही का मंजर: आग, धुआं और हजारों मौतें
वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के दोनों टॉवर्स पर विमानों के टकराने के बाद वहां से आग और धुएं के बादल उठने लगे। कुछ ही घंटों में टॉवर्स धराशायी हो गए, और मलबे के नीचे हजारों लोग दब गए। चारों तरफ चीख-पुकार मची हुई थी। फायरफाइटर्स और बचाव दल के सदस्य जान जोखिम में डालकर लोगों को बचाने में लगे थे, लेकिन टॉवर्स के गिरने के बाद हालात और भी खतरनाक हो गए। सैकड़ों पुलिसकर्मी, फायरफाइटर्स और बचावकर्मी अपनी जान गंवा बैठे।
9/11 हमले में मारे गए लोग
- वर्ल्ड ट्रेड सेंटर: 2,753 लोग मारे गए।
- पेंटागन: 184 लोगों की मौत।
- फ्लाइट 93: 40 यात्री और चालक दल के सदस्य मारे गए।
- कुल मृतकों की संख्या: 2,977 लोग इस हमले में मारे गए।
खालिद शेख मोहम्मद और ओसामा बिन लादेन का प्लान
9/11 के इस भीषण हमले की साजिश खालिद शेख मोहम्मद (Khalid Sheikh Mohammed) ने रची थी, जिसे अल-कायदा का प्रमुख ओसामा बिन लादेन का पूरा समर्थन प्राप्त था। खालिद ने हमले का ब्लूप्रिंट तैयार किया, लेकिन उसे इसे अंजाम देने के लिए भारी मात्रा में धन की जरूरत थी। यही वजह है कि अल-कायदा ने हमले के लिए खालिद को करीब 5 लाख डॉलर की फंडिंग दी। अमेरिका द्वारा जारी ‘THE 9/11 COMMISSION REPORT’ के अनुसार, इस हमले को अंजाम देने वाले हर आतंकी को 10 हजार डॉलर दिए गए थे। इस हमले ने ओसामा बिन लादेन को दुनिया का सबसे वांछित आतंकवादी बना दिया।
अमेरिकी जवाबी कार्रवाई: ‘वार ऑन टेरर’
9/11 के हमले के बाद, अमेरिका ने आतंकवाद के खिलाफ ‘वार ऑन टेरर’ अभियान शुरू किया। इस अभियान का प्रमुख उद्देश्य अल-कायदा के ठिकानों पर हमला करना और ओसामा बिन लादेन को ढूंढ निकालना था। कई वर्षों तक सैन्य ऑपरेशनों और खुफिया जानकारी के बाद, आखिरकार 2 मई 2011 को अमेरिकी नौसेना ने पाकिस्तान के एबटाबाद में ओसामा बिन लादेन को मार गिराया।
9/11 की त्रासदी: एक दर्द जो अब भी ताजा है
यह हमला सिर्फ एक आतंकवादी घटना नहीं थी, बल्कि हजारों परिवारों की जिंदगियां तबाह कर गया। पीड़ित परिवार आज भी उस दिन की यादें ताजा करते हुए अपने आंसू रोक नहीं पाते। हर साल 11 सितंबर को इस दिन की याद में स्मारक और समारोह आयोजित किए जाते हैं, जहां उन मासूम लोगों को श्रद्धांजलि दी जाती है जिन्होंने अपनी जान गंवाई। न्यूयॉर्क के ग्राउंड ज़ीरो पर बने स्मारक में उन सभी लोगों के नाम दर्ज हैं, जो इस हमले में मारे गए थे।
9/11 ने न केवल अमेरिका की सुरक्षा नीतियों को पूरी तरह बदल दिया, बल्कि दुनिया को आतंकवाद की असलियत से भी रूबरू कराया। यह हमला इस बात का प्रतीक है कि कैसे नफरत और हिंसा ने हजारों मासूम लोगों की जिंदगियां छीन लीं। हालांकि, 9/11 के बाद से वैश्विक सुरक्षा में कई सुधार किए गए हैं, लेकिन इस त्रासदी का दर्द उन परिवारों के दिलों में हमेशा जिंदा रहेगा जिन्होंने अपनों को खो दिया।