दिवाली के दिन से उत्तरकाशी की निर्माणाधीन सुरंग में कैद 41 श्रमिक बाहर निकले की उम्मीद लगाए हैं। उन्हें बाहर निकालने की पूरी कोशिशें हो रही हैं लेकिन हर बार कोई न कोई बाधा आने से सफलता नहीं मिल रही।
Uttarkashi Tunnel Accident: उत्तरकाशी जिले की सिलक्यारा सुरंग में 15 दिनों से फंसे 41 मजदूरों को निकालने का प्रयास जारी है। वही अब खबर सामने आई है कि यदि कोई बाधा नहीं आई, तो दो दिन में श्रमिकों तक पहुंच सकते हैं। रेस्क्यू टीम तमाम चुनौतियों को पार कर ऑपरेशन अंजाम देने में जुटी है। मगर पहाड़ का सीना चीरकर ये लोग कब बाहर आएंगे, इसका अंदाजा लगाना अब मुश्किल होता जा रहा है. रेस्क्यू टीम को बार-बार आ रही दिक्कतों से ऑपरेशन थोड़ा कठिन होता जा रहा है। एक ओर जहां सुरंग में फंसे मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए युद्धस्तर पर काम हो रहा है, वहीं दूसरी ओर उत्तरकाशी में मौसम पूर्वानुमान से मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं। उत्तरकाशी में अब जो मुसीबत सामने आने वाली है, वह कुदरती है, क्योंकि उत्तरकाशी में बारिश-बर्फबारी की संभावना जताई जा रही है।
41 जिंदगियां…16 दिन…
सिलक्यारा सुरंग में 15 दिन से फंसे 41 श्रमिकों को निकालने के लिए वर्टिकल ड्रिलिंग की जा रही है। अब खबर सामने आई है कि यदि कोई बाधा नहीं आई, तो दो दिन में श्रमिकों तक पहुंच सकते हैं। वहीं दूसरी तरफ आज से प्रदेश में मौसम भी करवट बदलेगा। मौसम विभाग की ओर से अगले तीन दिन बारिश और बर्फबारी की चेतावनी दी गई।
Read more: एक ही दिन में बिग बॉस के घर से हुई Orry की छुट्टी…
एक बार फिर अभियान तेज…
41 मजदूरों को बचाने के लिए एक बार फिर अभियान तेज हुआ है। लेजर व प्लाज्मा कटर पहुंचने के बाद ऑगर मशीन के फंसे हुए बरमे को काटनकर निकालने के काम में तेजी आई। वहीं सुरंग के ऊपर वर्टिकल ड्रिलिंग शुरु कर 15 मीटर तक ड्रिलिंग कर ली गई है।
सुरंग के अंदर अब तक जिंदा कैसे हैं 41 मजदूर?
इसे कुदरत का करिश्मा ही कहेंगे कि 13 दिन से सुरंग के अंदर फंसे मजदूर जिंदा हैं और बिल्कुल स्वस्थ हैं, क्योंकि उनको पहले दिन से खाना-पानी और दवाइयां उपलब्ध कराई जा रही हैं। उनकी मानसिक स्थिति का ध्यान रखा जा रहा है। बचाव कार्य में लगी टीमों ने मजदूरों तक भोजन पहुंचाने के लिए विशेष व्यवस्था की है। इसके लिए एक विशेष टीम गठित की गई है, जिन्होंने शुक्रवार को 41 मजदूरों को ब्रेकफास्ट में दूध, ब्रेड और चने पहुंचाए हैं, जबकि गुरुवार को ब्रेकफास्ट में उपमा और दोपहर के खाने में दाल-चावल दिए थे।
प्लान-A पर लगा ‘ग्रहण’
इससे पहले प्लान-A के तहत अमेरिकन ऑगर मशीन से ड्रिलिंग की गई। गुजरते दिनों के साथ विश्वास पक्का हो चला था कि कुछ घंटों में मजदूर वापस होंगे। ड्रिलिंग मशीन से 80 सेंटीमीटर मोटाई वाली पाइप को भेजा गया। लेकिन 45 से 46 मीटर की दूरी पर जाकर ऑगर मशीन ने काम करना बंद दिया। मशीन के ब्लेड्स टूट गए। यानी मजदूरों से महज 12 से 15 मीटर की दूरी पर काम ठप हो गया। इस प्लान के तहत सिल्क्यारा साइड में मजदूरों को निकालने के लिए मेडिकल की सुविधा थी। टनल के बाहर 41 एंबुलेंस और 40 डॉक्टरों की टीम तैनात गई थी।
बारिश-बर्फबारी की आशंका…
आशंका जताई जा रही है कि आज उत्तरकाशी में बारिश के साथ-साथ बर्फबारी भी होगी। अगर ऐसा होता है तो फिर न केवल रेस्क्यू ऑपरेशन का काम रुकेगा, बल्कि सुरंग के भीतर पानी जाने का भी खतरा बढ़ जाएगा। इससे न केवल रेस्क्यू टीम के काम पर पानी फिरेगा, बल्कि सुरंग में फंसे मजदूरों को भी इससे दिक्कतें आ सकती हैं। उत्तरकाशी में पहले से ही सुरंग में फंसे लोगों को निकालने में बचावकर्मियों को काफी दिक्कतें आ रही हैं। ऐसे में बारिश और बर्फबारी की वजह से अभियान पर बुरा असर पड़ सकता है। मौसम विभाग की मानें तो 28 नवंबर को भी उत्तरकाशी में कमोबेश कुछ ऐसा ही मौसम रहने वाला है।