लखनऊ संवाददाता: मोहम्मद कलीम
लखनऊ: संरक्षित ऐतिहासिक इमारतों में अवैध कब्जे हैं। जिला प्रशासन और संबंधित विभाग इनको हटा नहीं पा रहे हैं। ऐसे में शनिवार को संरक्षित इमारतों से अतिक्रमण हटाने के लिए गठित समिति की कमिश्नर ने बैठक की। इस दौरान पता चला कि आसिफी इमामबाड़े में 19 और आसिफी मस्जिद में छह अवैध कब्जे हैं। इन्हें हटाया जाएगा। यह बैठक सैयद मोहम्मद हैदर रिजवी की जनहित याचिका के क्रम में की गई।
कब्जे हटाने की तैयारी में जुटा जिला प्रशासन..
इमामबाड़ा से 50 परिवारों का कब्जा हटवाया
कोर्ट के निर्देश पर 2013 अक्टूबर में कमेटी का गठन किया गया था। कमिश्नर डॉ. रोशन जैकब ने इसकी समीक्षा की। अधिकारियों ने बताया कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद पहले चरण में पांच संरक्षित स्मारकों बड़ा इमामबाड़ा, सआदत अली एवं मुशीरजादी मकबरा, नील्स गेट, कैसरबाग केट कैसर पसंद सिमेट्री से अतिक्रमण हटाने की शुरुआत हुई थी। जनवरी 2016 में बड़े इमामबाड़ा से 50 परिवारों का कब्जा जिला प्रशासन ने हटवाया।
बड़े इमामबाड़े और आसिफी मस्जिद में अतिक्रमण
हुसैनाबाद क्षेत्र में अब भी बड़े इमामबाड़े और आसिफी मस्जिद में अतिक्रमण है। रूमी गेट पिक्चर गैलरी और छोटे इमामबाड़े में रह रहे परिवारों और कॉमर्शियल उपयोग करने वाले लोगों का अतिक्रमण अब तक नहीं हटा है।
इनमें अधिसंख्य हुसैनाबाद ट्रस्ट के कर्मचारी या आवटी हैं। इस बैठक में संयुक्त पुलिस आयुक्त उपेंद्र कुमार अग्रवाल, अपर आयुक्त प्रशासन रणविजय यादव, एलडीए सचिव पवन कुमार गंगवार मौजूद रहे।
हैरिटेज जोन से अतिक्रमण हटाएं
अतिक्रमण चिह्नित करने के लिए कमिश्नर ने एएसआई और हुसैनाबाद ट्रस्ट को संयुक्त सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया। साथ ही निर्देश दिया कि ट्रस्ट के अधिकारी प्रशासन और पुलिस की मदद लेकर हैरिटेज जोन से अतिक्रमण हटाएं।
प्रसिद्ध रूमी दरवाजे के एक तरफ अतिक्रमण है जिससे इसकी मरम्मत में दिक्कत हो रही है। साथ ही मरम्मत कार्य में देरी भी हो रही है। मौके पर मौजूद कर्मचारियों के अनुसार इस बारे में प्रशासन को कहा गया लेकिन कोई उत्तर नहीं मिला। न ही कार्रवाई की गई। ऐसे में जितने हिस्से में अतिक्रमण नहीं हैं उतने की मरम्मत कर रहे हैं।