Ram Mandir Pran Pratishtha: श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर के निर्माण के बाद अब रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने वाली है, रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के कार्यक्रम को लेकर सिर्फ देश में ही नहीं बल्कि दुनियाभर में उत्साह देखा जा रहा है, पूरे देश -विदेश में इस समय हर तरफ बस अयोध्या की ही चर्चा हो रही है। वहीं अब अयोध्या में होने वाले रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के समारोह के लिए 1100 किलो का सवा 9 फुट का दीपक अयोध्या पहुंचाया जा रहा है। ये दीपक बड़ौदा से कोटा पहुंचने पर दीपक का पूजन किया गया, गोदावरी धाम बालाजी दरबार के संत शैलेन्द्र भार्गव ने पूजा अर्चना की, इस विशेष दीपक के साथ-साथ चलने वालों का माल्यार्पण कर स्वागत किया गया है।
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पांच सौ किलो से अधिक घी का इस्तेमाल होता है..

इस दौरन राम भक्त अरविंदभाई पटेल ने बताया कि- “वडोदरा में बनी 108 फीट लंबी अगरबत्ती की खबर पढ़कर उन्हें एक विशाल दीपक बनाने का विचार आया था, इसके बाद मकरपुरा जीआईडीसी में 1100 किलोग्राम वजन का एक विशाल दीपक बनाया गया है,” इस दीपक में एक बार में 15 किलो की रुई की बाती डाली जाती हौ और इसको जलाने के लिए पांच सौ किलो से अधिक घी का इस्तेमाल होता है।
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108 फीट की अगरबत्ती से मिली प्रेरणा..

बता दें कि भाई पटेल ने बताया कि- “वडोदरा एक सांस्कृतिक नगरी है, राम जन्मभूमि में 22 तारीख को रामलला अयोध्या में मंदिर में विराजमान होंगे, यह अवसर 500 साल बाद आया है. वह पुनः अपने घर पधार रहे हैं. ऐसे में बड़ोदरा से जब एक अगरबत्ती 108 फीट की बनी तो हमने दीपक बनाने का प्रयास किया, अरविंद भाई पटेल अपने पूरे परिवार के साथ एक माह तक अथक प्रयास कर इसे बनाया है. इस दीपक में पांच बाती का प्रावधान है, जोकि जलाने के बाद लगातार एक महीने तक जलता रहेगा।
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यह दीपक पूरे देश में उजाला करेगा..

वहीं अरविंद भाई पटेल ने आगे कहा कि- “जिस तरह से साल 2014 में राम राज्य की स्थापना हुई है, सबका साथ सबका विकास के भाव के साथ जब राम लला विराजमान होंगे तो यह दीपक पूरे देश में उजाला करेगा, भारत का सनातन धर्म व संस्कृति का प्रकाश, सर्वधर्म समभाव, वसुधैव कुटुंबकम की जो बात है वह पूरे विश्व में जाएगी.” उन्होंने कहा कि “इससे राम राज्य की बात पूरे विश्व में जाएगी और दरिद्र नारायण की सेवा हम सब कर सके ऐसी भावना होगी।”