Public Examinations Act: देश में इस समय नीट और नेट परीक्षाओं में धांधली को लेकर बवाल मचा हुआ है। अलग-अलग हिस्सों में जमकर विरोध प्रदर्शन हो रहे है। वहीं लगातार परीक्षाओं में हो रही धांधली को लेकर शिक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए जा रहे है। दोनों परीक्षाओं में पेपर लीक होने के कारण सड़कों से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक बवाल मचा हुआ है।
इस बीच सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए पेपर लीक को रोकने के लिए एक कड़े कानून को लागू कर दिया है।केंद्र सरकार ने ‘लोक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम, 2024’ अधिसूचित किया है। इस एंटी पेपर लीक कानून का मकसद प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर लीक और नकल को रोकना है।
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इस दिन से लागू
दरअसल केंद्र सरकार ने शुक्रवार रात एक सख्त कानून लागू कर दिया जिसका मकसद प्रतियोगी परीक्षाओं में कदाचार और अनियमितताओं को रोकना है। इस कानून में दोषियों के लिए अधिकतम 10 वर्ष कारावास की सजा और एक करोड़ रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है।
वहीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु द्वारा सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम, 2024 को मंजूरी दिए जाने के लगभग चार महीने बाद कार्मिक मंत्रालय ने शुक्रवार रात एक अधिसूचना जारी की जिसमें कहा गया कि कानून के प्रविधान 21 जून से ही लागू ।
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अनुचित साधनों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई
मोदी सरकार ने परीक्षाओं में अनुचित साधनों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के लिए “सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) कानून 2024” पारित किया है, जो इस साल फरवरी में लागू हुआ था।
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पेपर लीक मामले में दोषी पाए जाने पर..
- सजा : 10 साल तक की जेल
- जुर्माना : 1 करोड़ रुपए तक
- दूसरे उम्मीदवार के स्थान पर परीक्षा देने के मामले में दोषी पाए जाने पर
- सजा : 3 से 5 साल की जेल
- जुर्माना : 10 लाख रुपए तक
- संस्थान की गड़बड़ी में नाम आने पर:
- परीक्षा का पूरा खर्चा उस संस्थान से वसूला जाएगा।
- संस्थान की संपत्ति भी कुर्क की जा सकती है।
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ऐसे अपराधों से सख्ती से निपटा जाएगा
वहीं इस दौरान केंद्रीय कार्मिक राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने पूर्व में कहा था कि यह अधिनियम अभ्यर्थियों की इसके प्रविधानों से सुरक्षा करता है। इस कानून से पहले केंद्र सरकार और उसकी एजेंसियों द्वारा सार्वजनिक परीक्षाओं के संचालन में शामिल विभिन्न संस्थाओं द्वारा अपनाए गए अनुचित साधनों या अपराधों से निपटने के लिए कोई विशिष्ट ठोस कानून नहीं था।