Zika Virus: जलवायु परिवर्तन और शहरीकरण ने दुनिया भर में मच्छरों के खतरे को बढ़ा दिया है, खासकर उन मच्छरों के लिए जो खतरनाक बीमारियाँ फैलाते हैं, जैसे डेंगू, चिकनगुनिया और जीका वायरस। इन बीमारियों के फैलने का कारण एडीज एजिप्टी नामक मच्छर है, जो इन वायरसों को फैलाने का प्रमुख कारक है। हाल के अध्ययन और शोध बताते हैं कि जलवायु परिवर्तन के कारण इन मच्छरों के प्रजनन क्षेत्र में वृद्धि हो रही है, जिससे इन वायरसों का खतरा अब पहले से कहीं ज्यादा बढ़ गया है।
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जीका वायरस का त्वचा को पहुँचा रहा नुकसान

लिवरपूल स्कूल ऑफ ट्रॉपिकल मेडिसिन के वैज्ञानिकों ने एक नए अध्ययन में पाया है कि जीका वायरस इंसान की त्वचा पर पहुंचने के बाद एक रासायनिक संकेत छोड़ता है, जो मच्छरों को आकर्षित करता है। इसका मतलब है कि जैसे-जैसे जीका वायरस फैलता है, मच्छर इसे और भी तेजी से फैलाते हैं। यह एक नई खोज है, जो इस बात को स्पष्ट करती है कि मच्छरों का व्यवहार किस प्रकार जलवायु परिवर्तन और मानव गतिविधियों से प्रभावित हो रहा है।
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जलवायु परिवर्तन से बढ़ रही है मच्छरों की संख्या
जलवायु परिवर्तन के कारण तापमान में वृद्धि, बारिश का अनियमित पैटर्न और अधिक आर्द्रता जैसे कारक मच्छरों के प्रजनन के लिए आदर्श परिस्थितियाँ पैदा कर रहे हैं। इससे न केवल मौजूदा क्षेत्रों में मच्छरों की संख्या बढ़ रही है, बल्कि नए इलाकों में भी मच्छरों का प्रकोप बढ़ने की संभावना है। जो क्षेत्र पहले मच्छरों के लिए उपयुक्त नहीं थे, वहां भी अब इन मच्छरों का फैलाव हो सकता है। खासकर ऐसे इलाकों में, जहां पहले इन वायरसों के मामलों का कोई रिकॉर्ड नहीं था, अब इन बीमारियों का खतरा बढ़ने की आशंका जताई जा रही है।

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जलवायु परिवर्तन और शहरीकरण के मिलतेजुलते प्रभाव
शहरीकरण भी इस खतरे को और बढ़ा रहा है, क्योंकि बढ़ती हुई जनसंख्या और अव्यवस्थित कचरे के कारण मच्छरों के पनपने के लिए और अधिक जगहें उपलब्ध हो रही हैं। निर्माण स्थल, जल भराव और खुले पड़े कचरे मच्छरों के प्रजनन के लिए आदर्श वातावरण प्रदान करते हैं। ऐसे में, जलवायु परिवर्तन और शहरीकरण के मिलेजुले प्रभाव से स्वास्थ्य के लिए खतरा और भी गंभीर हो सकता है।