Zarina Hashmi, का जन्मदिन आज, गूगल मना रहा 86वां जन्मदिन

गूगल मना रहा 86वां जन्मदिन

Sharad Chaurasia
By Sharad Chaurasia
Highlights
  • जरीना हाशमी का जन्म

Zarina Hashmi 86th Birth Anniversary: गुगल आज डूडल भारतीय – अमेरिकी कलाकार और पिंटमेकर ” जरीना हाशमी “ का 86वां जन्मदिन मना रहा है। जीरा हाशमी ने अपनी मेहनत और कबिलियत के बल कैसे देश- दुनिया में अपना परिचम लहराया था। आज का गूगल अगर आपने देखा होगा तो उसके डूडल में आपको एक सुंदर महिला का ग्राफिक नजर आया होगा। इस महिला का नाम जरीना हाशमी है और गूगल आज इनका 86वां जन्मदिन मना रहा है। आइए जानते है कौन थी जरीना हाशमी…..

जीवन परिचयः जरीना हाशमी का जन्म 16 जुलाई 1937 को उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ शहर में हुआ था। देश- विभाजन से पहले जरीना अपने चार भाई- बहनों के साथ खुशहाल जिन्दगी के साथ भारत में ही रहती थी। लेकिन देश आजाद होने के बाद साल 1947 मे जब भारत और पाकिस्तान का विभाजन हुआ। जिसके बाद जरीना हाशमी और उनके परिवार को पाकिस्तान जाने के लिए मजबूर होना पड़ा था। इसके बाद जरीना हाशमी को अपने परिवार के साथ पाकिस्तान के करांची मे रहना पड़ा।

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21 साल की उम्र मे राजनयिक से की शादीः

जरीना हाशमी उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ की मूल निवासी थी। जरीना हाशमी महज 21 साल की थी जब उनकी शादी एक युवा राजनयिक से करा दी गई थी। शादी के तुरंत बाद ही उन्हें दुनिया में घूमने का मौका मिला। जापान , पेरिस, और बैकांक की यात्रा करने वाली जरीना हाशमी ने यहीं से अपनी प्रिंट मेकिंग और मांर्डिनिस्ट और एबस्ट्रैक्ट आर्ट प्रवृत्तियों को अवगत कराया।

महिला कलाकारों के समर्थक में नारीवाद आंदोलन का बनी हिस्साः

जरीना हाशमी महिला कलाकारों के समर्थक में एक आंदोलन का हिस्सा बनी। उन्होंने महिला कलाकारों के समर्थन आवाज भी उठाई थी। जरीना 1977 में अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर मे रहने के लिए चली आई। यहां वह महिला कलाकारों के समर्थन में आई और धीरे- धीरे”हेरिसीज क्लेक्टिव ” की मेंबर बन गई। यह एक ” नारीवादी पत्रिका
थी, जिसने राजनीति , कला और समाजिक न्याय के बींच संबंधों की जांच की थी।

न्यूयॉर्क फेमिनिस्ट आर्ट इंस्टीट्युट में बनी प्रोफेसरः

महिला कलाकारों के समर्थन के आंदोलन मे हिस्सा लेने वाली जरीना हाशमी कुछ ही समय बाद ” न्यूयॉर्क फेमिनिस्ट आर्ट इंस्टीट्युट “ में प्रोफेसर बन गई । जरीना प्रोफेशर बनने के बाद तुरंत ही महिला कलाकारों को बराबर की पढ़ाई मिलने को लेकर अपना समर्थन किया। 1980 में जरीना ने एआईआर में प्रदर्शनी के को-ऑपरेशन में सहयोग किया। इस गैलरी का नाम अलगाव की द्वंद्वात्मकता: संयुक्त राज्य अमेरिका की तीसरी दुनिया की महिला कलाकारों की एक प्रदर्शनी रखा गया था। 25 अप्रैल, 2020 को अल्जाइमर रोग के कारण जरीना का लंदन में निधन हो गया.

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