Yuzvendra Chahal-Dhanashree Divorce: भारत के प्रसिद्ध क्रिकेटर युजवेंद्र चहल और उनकी पत्नी धनश्री वर्मा के बीच तलाक की प्रक्रिया अब पूरी हो गई है। बांद्रा फैमिली कोर्ट ने दोनों की तलाक अर्जी पर अपनी मंजूरी दे दी। इस मामले की सुनवाई के बाद चहल और धनश्री के वकीलों ने मीडिया से पुष्टि की कि अब उनका रिश्ता खत्म हो चुका है।

चहल को एलिमनी के रूप में धनश्री को 4.75 करोड़ रुपये का भुगतान करना पड़ा, जिसमें से 2.37 करोड़ रुपये पहले ही चुका दिए गए हैं। हालांकि, तलाक की पूरी प्रक्रिया के बाद दोनों ने मीडिया से कोई बयान नहीं दिया और अपनी-अपनी कार से कोर्ट से बाहर चले गए।
चहल की टी-शर्ट पर लिखा संदेश: ‘Be your own sugar daddy’

जब युजवेंद्र चहल कोर्ट से बाहर निकले, तो उन्होंने एक खास टी-शर्ट पहनी हुई थी, जिस पर लिखा था, “Be your own sugar daddy”। इस संदेश ने सोशल मीडिया पर खूब चर्चा बटोरी। कई यूजर्स का मानना है कि चहल ने जानबूझकर यह टी-शर्ट पहनी थी, ताकि वह बिना बोले ही अपनी स्थिति को स्पष्ट कर सकें। इस संदेश के साथ चहल की चुप्पी ने कई तरह के अटकलों को जन्म दिया, और लोग इस पर अपनी प्रतिक्रियाएं देने लगे।
चहल के वकील ने दी तलाक की पुष्टि

चहल के वकील, नितिन गुप्ता ने मीडिया को बताया कि कोर्ट ने तलाक की अर्जी को स्वीकार कर लिया है और अब दोनों का तलाक हो चुका है। इसके अलावा, बॉम्बे हाईकोर्ट ने क्रिकेटर युजवेंद्र चहल और धनश्री वर्मा की कूलिंग-ऑफ अवधि को माफ करने की याचिका को भी स्वीकार किया था। जज माधव जामदार की पीठ ने फैमिली कोर्ट को निर्देश दिया था कि वह आईपीएल 2025 के लिए चहल की भागीदारी को ध्यान में रखते हुए जल्दी फैसला ले। चहल को आईपीएल 2025 की नीलामी में पंजाब किंग्स ने 18 करोड़ रुपये में खरीदा था।
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लंबे समय से अलग थे चहल और धनश्री

मामले की सुनवाई के दौरान यह तथ्य सामने आया कि चहल और धनश्री ढाई साल से अलग रह रहे थे। दोनों ने तलाक की सहमति को लेकर मध्यस्थता प्रक्रिया के दौरान एलिमनी देने पर सहमति जताई थी। भारतीय कानून के अनुसार, यदि पति और पत्नी एक साल से अधिक समय तक अलग रह रहे हों, तो वे आपसी सहमति से तलाक के लिए आवेदन कर सकते हैं।
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कूलिंग-ऑफ अवधि का महत्व

हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 13बी(2) के तहत तलाक याचिका के लिए छह महीने की कूलिंग-ऑफ अवधि अनिवार्य होती है, ताकि जोड़ों के बीच समझौते और पुनर्मिलन की संभावनाओं का पता लगाया जा सके। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने 2017 में एक ऐतिहासिक फैसले में कहा था कि अगर कोर्ट को लगता है कि दोनों पार्टियों के फिर से साथ रहने की कोई संभावना नहीं है, तो कूलिंग-ऑफ अवधि को माफ किया जा सकता है, जैसा कि चहल और धनश्री के मामले में हुआ।