बहन का विवाद सुलझाने गए युवक पर चढ़ाया ट्रैक्टर, एक पैर कटा, मौत

Aanchal Singh
By Aanchal Singh

बहराइच: संवाददाता- रफीक उल्ला हक

  • खेत में ही पड़ा रह गया पैर, जिला अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ा.
  • एक सप्ताह पूर्व बच्चों के विवाद में बहन पर दर्ज हुआ था केस

Bahraich: बहराइच जिले के भैंसहा गांव निवासी एक युवक अपने बहन के रिश्तेदारी में शनिवार को नेवादा गांव समझाने के लिए गया था। यहां पर खेत की जुताई कर रहे आरोपी ने ट्रैक्टर चढ़ाने का प्रयास किया। जिससे रोटावेटर से ग्रामीण का एक पैर कटकर अलग हो गया। क्षेत्र के लोगों की मदद से उसे जिला अस्पताल लाया गया। एक घंटे की इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। पुलिस ने लाश को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।

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एक सप्ताह पहले मारपीट हुई

रामगांव थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत नेवादा के मजरा भयापुरवा निवासी अजय कुमार सिंह और पड़ोसी पटीदार पप्पे सिंह के बच्चों के बीच एक सप्ताह पहले मारपीट हुई थी। जिसमें दोनों पक्ष के लोगों ने एक दूसरे पर केस दर्ज करवाया था। इसकी जानकारी अजय कुमार सिंह के साले हुजूरपुर थाना क्षेत्र के ग्राम भैंसहा गांव निवासी गुड्डू सिंह (35) पुत्र मैन बहादुर सिंह को लगी। इस पर वह झगड़े में सुलह और बहन का नाम शामिल करवाने का विरोध करने के लिए शनिवार को भयापुरवा गांव गए। ग्रामीणों के मुताबिक पप्पे सिंह ट्रैक्टर से खेत की जुताई कर रहा था। वहीं पर वह कुछ लोगों के साथ पहुंचे। पप्पे खेत में चले गए और लोग बाहर ही खड़े थे।

जान से मारने की नियत

अजय कुमार सिंह ने बताया कि साले गुड्डू सिंह को जान से मारने की नियत से ट्रैक्टर चढ़ा दिया। जिससे साले का एक पैर कटकर अलग हो गया। भाजपा नेता शिवा तिवारी क्षेत्र से गुजर रहे थे। उन्होंने अपने वाहन से घायल को जिला अस्पताल पहुंचाकर भर्ती कराया। यहां इलाज के दौरान शाम छह बजे मौत हो गई। इस मामले में प्रभारी थानाध्यक्ष राम देव यादव से बात की गई तो उन्होंने बताया कि मृतक पप्पे सिंह से मारपीट करने के लिए गया था। लेकिन रोटावेटर से काट गया। जिससे उसकी मौत हुई है। केस दर्ज कर आरोपी की गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही है। और फरार हो गया पप्पे सिंह भयापुरवा नेवादा गांव में ट्रैक्टर में लगे रोटावेटर से जैसे ही गुड्डू सिंह का पैर कटा। वैसे ही आरोपी वाहन छोड़कर फरार हो गया। घायल का पैर खेत में ही पड़ा रह गया। अगर पैर जोड़ने के साथ इलाज होता तो शायद जान बच सकती थी।

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