POCSO Act News : POCSO मामले में कर्नाटक हाईकोर्ट ने शुक्रवार को राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा को बड़ी राहत दी है। उनके खिलाफ जारी गैर-जमानती वारंट पर फिलहाल रोक लगा दी गई है।इस के अलावा सीआईडी द्वारा उनकी गिरफ्तार पर भी रोक लग गई है।वहीं कोर्ट ने अब येदियुरप्पा को 17 जून को मामले की जांच कर रही सीआईडी के सामने पेश होने का निर्देश दिया है, इसके अलावा वहीं कोर्ट ने अब येदियुरप्पा को 17 जून को मामले की जांच कर रही सीआईडी के सामने पेश होने का निर्देश दिया है।
Read more : SC का बड़ा फैसला, 23 को होगी फिर से परीक्षा, केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कह दी बड़ी बात…
17 जून को सीआईडी के सामने जांच के लिए होंगे पेश
हाई कोर्ट ने कहा कि येदियुरप्पा 17 जून को सीआईडी के सामने जांच के लिए पेश होंगे। इस मामले की सुनवाई दो हफ्ते बाद होगी। कोर्ट में राज्य की कांग्रेस सरकार ने कहा कि येदियुरप्पा ने 11 जून को जांच अधिकारी के सामने पेश होने वाले नोटिस के अनदेखी की है और कुछ ही घंटे में दिल्ली चले गए।
![](https://primetvindia.com/wp-content/uploads/2024/06/image-1138.png)
कोर्ट में राज्य सरकार की ओर से तर्क दिया गया कि नोटिस जारी होने के बाद येदियुरप्पा का टिकट बुक किया गया था। इस पर कोर्ट ने कहा, “उनके दिल्ली भागने की कोई संभावना नहीं है। वह राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री हैं। आपको लगता है कि वह देश छोड़कर भाग जाएंगे? वह बेंगलुरु से दिल्ली जाकर क्या कर सकते हैं?”
Read more : Bakrid पर सड़कों पर नहीं होगी नमाज, CM योगी का सख्त निर्देश
कोर्ट ने शिकायतकर्ता की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठाया
कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि जिस तरह से चीजें घटित हुई हैं, उससे संदेह है कि इस मामले में कुछ छिपा हुआ है। वहीं राज्य सरकार की ओर से पेश वकील ने कहा कि इसमें कुछ भी छिपा नहीं है। सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने पूछा, “बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि मैं 17 जून को आऊंगा।
![](https://primetvindia.com/wp-content/uploads/2024/06/image-1139.png)
वो लिखित में ये देने किलिए तैयार हैं कि वह आ रहे हैं लेकिन फिर भी आप उन्हें गिरफ्तार करना चाहते हैं?”वहीं बीएस येदियुरप्पा की ओर से पेश हुए वकील सी.वी. नागेश ने कोर्ट के बताया कि शिकायतकर्ता (पीड़िता की मां) को छोटे-छोटे मामले दायर की आदत है। इसके बाद कोर्ट ने शिकायतकर्ता की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठाया।
Read more : यूपी में गर्मी का कहर जारी, इस दिन तक बढ़ी स्कूलों की छुट्टी
क्या है पॉक्सो एक्ट?
आपको बता दें कि पॉक्सो एक्ट का पूरा नाम प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेन्स एक्ट है। इसे हिन्दी में बाल यौन अपराध संरक्षण अधिनियम भी कहा जाता है। इस कानून को लाव 2012 में लाया गया था। इसके लाने की सबसे बड़ी वजह यही थी कि इससे नाबालिग बच्चियों को यौन उत्पीड़न के मामलों में संरक्षण दिया जा सके।
![](https://primetvindia.com/wp-content/uploads/2024/06/image-1140.png)
हालांकि ये कानून ऐसे लड़के और लड़कियों दोनों पर लागू होता है, जिनकी उम्र 18 वर्ष से कम है। वहीं पॉक्सो एक्स के तहत दोषी पाए जाने पर कड़ी सजाओं का भी प्रावधान किया गया है। पहले इसमें मौत की सजा का प्रावधान नहीं किया गया था, लेकिन बाद में इस कानून में उम्रकैद जैसी सजा को भी जोड़ दिया गया। आइये अब पॉक्सो एक्ट के तहत दी जाने वाली कुछ अन्य सजाओं के बारे में भी जान लें।