World Health Day 2025: विश्व स्वास्थ्य दिवस 2025 के अवसर पर, विशेषज्ञों ने कार्यस्थल पर कर्मचारियों के मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने के महत्व पर जोर दिया है। इस साल का विषय मानसिक स्वास्थ्य के महत्व को उजागर करने और इसके प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए एक अहम कदम साबित हो सकता है। वर्तमान समय में, दुनिया की लगभग 60% आबादी कामकाजी है और अनुमान है कि लगभग 15% कामकाजी उम्र के वयस्क मानसिक विकारों से जूझ रहे हैं।
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मानसिक स्वास्थ्य की देखभाल
आज के तेज़-तर्रार और अत्यधिक दबाव वाले कार्य वातावरण में मानसिक स्वास्थ्य की देखभाल करना पहले से कहीं अधिक ज़रूरी है। मनोवैज्ञानिक के अनुसार, कंपनियों को केवल शारीरिक स्वास्थ्य की ही नहीं, बल्कि मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य की भी समान देखभाल करनी चाहिए। इसके लिए कंपनियों को एक ऐसे वातावरण का निर्माण करना चाहिए, जो कर्मचारियों को अपने मानसिक स्वास्थ्य को लेकर खुलकर बात करने के लिए प्रेरित करे।
मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव
कार्यस्थल पर मानसिक स्वास्थ्य के बारे में सबसे बड़ी चुनौती आज भी कलंक है। मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दों को लेकर कई बार नकारात्मक धारणाएँ होती हैं, जिनके कारण व्यक्ति समय पर सहायता प्राप्त करने में हिचकिचाते हैं। इससे उनके मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव पड़ता है, जो अंततः उनकी कार्यक्षमता और उत्पादकता को प्रभावित करता है। इसलिए, कंपनियों को इस कलंक को समाप्त करने के लिए कदम उठाने चाहिए। यह कदम कर्मचारियों को एक सुरक्षित वातावरण प्रदान करने से लेकर मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित शिक्षा और समर्थन तक हो सकते हैं।
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कर्मचारियों का तनाव और मानसिक चुनौती
इसके अतिरिक्त, कंपनियों को अपने कर्मचारियों को तनाव और मानसिक चुनौतियों से निपटने के लिए प्रशिक्षण भी देना चाहिए। जैसे माइंडफुलनेस एक्सरसाइज, समय प्रबंधन कौशल और कार्य-जीवन संतुलन पर प्रशिक्षण, ताकि कर्मचारी तनाव कम कर सकें और अपनी मानसिक स्थिति को बेहतर बना सकें।
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मानसिक स्वास्थ्य परामर्श
कर्मचारी सहायता कार्यक्रम (EAP) का कार्यान्वयन भी एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है। यह कार्यक्रम कर्मचारियों को मानसिक स्वास्थ्य परामर्श, तनाव प्रबंधन और अन्य व्यक्तिगत समस्याओं में मदद प्रदान करता है। इन कार्यक्रमों से न केवल कर्मचारियों को मानसिक राहत मिलती है, बल्कि यह कंपनियों के लिए भी फायदेमंद साबित होता है क्योंकि इससे कर्मचारियों की उत्पादकता में वृद्धि होती है और कार्यस्थल का माहौल सकारात्मक रहता है।