लैपटॉप या कंप्यूटर पर लंबे समय तक काम करने से आंखों पर होने वाली समस्याओं को “डिजिटल आई स्ट्रेन” (Digital Eye Strain) या “कंप्यूटर विज़न सिंड्रोम” (Computer Vision Syndrome – CVS) कहा जाता है। यह समस्या खासतौर पर उन लोगों में होती है, जो दिनभर लैपटॉप, स्मार्टफोन या कंप्यूटर स्क्रीन पर लंबे समय तक काम करते हैं। इस स्थिति में आंखों पर अत्यधिक दबाव पड़ता है, जिससे कई शारीरिक और मानसिक समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
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आंखों में होने वाली सामान्य दिक्कतें
आंखों में जलन और सूखापन: लंबे समय तक स्क्रीन पर देखना और पलकों को कम झपकाना सूखेपन का कारण बन सकता है।
धुंधला दिखना: लगातार स्क्रीन पर काम करने से आंखों की मांसपेशियां थक सकती हैं, जिससे आंखों के फोकस में परेशानी हो सकती है।
सिरदर्द: स्क्रीन की अत्यधिक रोशनी और आंखों पर दबाव सिरदर्द का कारण बन सकता है।
आंखों में तनाव और थकावट: लगातार कंप्यूटर या लैपटॉप पर काम करने से आंखों की मांसपेशियों में तनाव हो सकता है।
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आंखों की सेहत के लिए उपाय

20-20-20 नियम अपनाएं: हर 20 मिनट में स्क्रीन से हटकर 20 फीट दूर किसी वस्तु को 20 सेकंड के लिए देखें। इससे आंखों को आराम मिलेगा।
ब्राइटनेस और कंट्रास्ट सही रखें: लैपटॉप की स्क्रीन की ब्राइटनेस को कमरे के रोशनी के हिसाब से एडजस्ट करें। ज्यादा ब्राइटनेस या कम ब्राइटनेस आंखों पर जोर डाल सकती है।
पलकों को बार-बार झपकाएं: लंबे समय तक स्क्रीन पर देखने से आंखों में नमी की कमी हो सकती है, जिससे सूखापन और जलन हो सकती है। पलकों को झपकाकर आंखों को मॉइश्चराइज रखें।
स्क्रीन की दूरी और ऊंचाई सही रखें: लैपटॉप की स्क्रीन को अपनी आंखों से लगभग 20-30 इंच दूर और आंखों के स्तर से थोड़ा नीचे रखें।
ब्लू लाइट फिल्टर का उपयोग करें: लैपटॉप पर ब्लू लाइट फिल्टर या स्क्रीन पर एक एंटी-ग्लेयर स्क्रीन प्रोटेक्टर का इस्तेमाल करें, ताकि आंखों पर कम दबाव पड़े।

आंखों की एक्सरसाइज करें: आंखों को आराम देने के लिए नियमित अंतराल पर आंखों की हल्की एक्सरसाइज करें। जैसे, आंखों को घुमाना या हाथ से आंखों को हल्का दबाना।
विटामिन A और ओमेगा-3 का सेवन करें: ये तत्व आंखों की सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं, जिससे सूखापन और अन्य समस्याओं में राहत मिल सकती है।
हाइड्रेशन: पानी पीने से शरीर के साथ-साथ आंखों को भी हाइड्रेटेड रखा जा सकता है, जिससे सूखापन और जलन कम होती है।
आंखों की जांच करवाएं: अगर समस्या गंभीर हो, तो किसी आंखों के डॉक्टर से संपर्क करें और अपनी आंखों की जांच करवाएं।