Banda: यूपी के बांदा में तैनात सिविल जज ने सुप्रीम कोर्ट से एक ऐसी मांग की जिसे जानकर आप भी चौंक जाएंगे। बाराबंकी में तैनाती के दौरान जिला जज द्वारा शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना के आरोप के चलते सिविल जज (अर्पिता साहू) ने सुप्रीम कोर्ट से इच्छा मृत्यु की मांग की है। प्रताड़ना की शिकायत की सुनवाई न होने के कारण अर्पिता साहू को ये कदम उठाना पड़ा। जिसके चलते सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस को पत्र लिख कर ये मांग की है।
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जानें पत्र में क्या लिखा?
बांदा की सिविल जज अर्पिता साहू तैनाती के दौरान इस कदर प्रताड़ित की गई कि उन्हें सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस का रुख करना पड़ा। बांदा की सिविल जज अर्पिता साहू ने पत्र में लिखा, मैं निराश होकर यह पत्र लिख रही हूं। इस लेटर का मेरी कहानी बताने और प्रार्थना करने के अलावा कोई अन्य उद्देश्य नहीं है। मेरे सबसे बड़े अभिभावक (CJI) ने मुझे अपना जीवन समाप्त करने की अनुमति दें। मैं उत्साह और इस विश्वास के साथ न्यायिक सेवा में शामिल हुई थी कि मैं आम लोगों को न्याय दिला पाऊं. लेकिन मुझे पता नहीं था कि जिस कार्य के लिए मैं जा रही हूं, वहां पर मुझे ही न्याय के लिए भीख मांगना पड़ेगा।
मेरे साथ यौन उत्पीड़न किया गया…
इसी कड़ी में आगे उन्होंने लिखा, मेरी सेवा के थोड़े से ही समय में मुझे खुली अदालत में दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ा। मेरे साथ यौन उत्पीड़न किया गया है। उन्होंने आगे लिखा, मैं काम करने वाली महिलाओं से कहना चाहती हूं कि यौन उत्पीड़न के साथ जीना सीखें, यही हमारे जीवन का सत्य हैृ। शिकायत करने पर प्रताड़ना का सामना करना पड़ता है। मैं जज हूं, लेकिन मैं अपने लिए निष्पक्ष जांच तक नहीं करा सकी। चलो न्याय क्लोज करें, मैं सभी महिलाओं को सलाह देती हूं कि वह खिलौना या निर्जीव वस्तु बनना सीख लें।
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