रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की ताजा पॉलिसी के बाद से भारतीय शेयर बाजार में कुछ उतार-चढ़ाव देखने को मिले हैं। 8 फरवरी को RBI द्वारा घोषित नीतिगत दरों में कोई खास बदलाव नहीं किया गया, लेकिन बैंकिंग क्षेत्र और आर्थिक विकास को लेकर कुछ दिशा-निर्देशों ने बाजार को प्रभावित किया। अब सवाल यह उठता है कि क्या यह असर बाजार पर स्थायी रहेगा या आने वाले दिनों में बाजार अपनी पुरानी राह पर लौटेगा?
RBI की पॉलिसी का प्रभाव

RBI के गवर्नर, शक्तिकांत दास ने घोषणा की कि मौद्रिक नीति को यथास्थिति बनाए रखा जाएगा और महंगाई दर को नियंत्रित करने की कोशिश की जाएगी। हालांकि, बाजार ने इस फैसले को कुछ हद तक राहत के रूप में लिया, क्योंकि मौद्रिक नीति में कोई कड़ा बदलाव नहीं किया गया। इसके बावजूद, बाजार में थोड़ी अस्थिरता देखी गई, जो कि निवेशकों के लिए चिंता का विषय बन सकती है। निवेशकों को RBI की नीतियों के प्रभाव को समझने के लिए थोड़ी और सावधानी बरतनी होगी।
बाजार की दिशा पर असर
आने वाले दिनों में, विशेष रूप से 10 फरवरी को, भारतीय शेयर बाजार में और उतार-चढ़ाव की संभावना है। RBI की पॉलिसी का असर तब तक स्पष्ट नहीं होगा, जब तक कि बाजार इस निर्णय का सही रूप से आकलन न कर ले। अगर बाजार को लगता है कि RBI की नीतियां आगामी दिनों में आर्थिक विकास को गति देने में मदद नहीं करेंगी, तो शेयर बाजार में गिरावट हो सकती है। वहीं, अगर निवेशकों को यह महसूस होता है कि RBI की स्थिरता और सूझ-बूझ से आर्थिक स्थितियां सुधरेंगी, तो बाजार में तेजी देखने को मिल सकती है।

Read More:M&M Q3 Result: एमएंडएम का तीसरी तिमाही का मुनाफा 19% बढ़ा, लेकिन कितनी गिरी शेयर्स की कीमत ?
10 फरवरी को बाजार की दिशा
हालांकि यह कहना मुश्किल है कि 10 फरवरी को बाजार की दिशा कैसी होगी, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि तकनीकी संकेतकों और आर्थिक आंकड़ों के आधार पर बाजार में हल्की गिरावट या हल्का सुधार देखा जा सकता है। विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) और घरेलू निवेशकों के रुख पर भी बाजार का रुख निर्भर करेगा। यदि FII बाजार में निवेश बढ़ाते हैं, तो इसका सकारात्मक असर देखा जा सकता है। वहीं, अगर घरेलू निवेशकों में अनिश्चितता बढ़ती है, तो यह बाजार पर दबाव डाल सकता है।

Read More:RBI का बड़ा कदम: NBFC के लिए ‘fin.in’ डोमेन लॉन्च, क्या साइबर सुरक्षा में होगा बड़ा बदलाव?
निवेशकों के लिए सुझाव
निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे RBI की पॉलिसी का गहरे से विश्लेषण करें और अपनी निवेश रणनीतियों को इस आधार पर तय करें। छोटे निवेशक सतर्क रहें और उथल-पुथल वाले दिनों में अपनी पूंजी का अत्यधिक जोखिम लेने से बचें। वहीं, जो दीर्घकालिक निवेश के इच्छुक हैं, उन्हें इस समय को एक अवसर के रूप में देखना चाहिए, क्योंकि बाजार में अस्थिरता अक्सर अच्छे निवेश के अवसरों को जन्म देती है।