Tata Capital IPO: टाटा समूह की वित्तीय सेवा इकाई, टाटा कैपिटल, के आईपीओ को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। घटनाक्रम से परिचित सूत्रों के अनुसार, टाटा समूह अपने वित्तीय सेवा कारोबार का मूल्यांकन 11 बिलियन डॉलर तक करने की योजना बना रहा है। यदि ऐसा होता है, तो यह भारत में इस साल का सबसे बड़ा आरंभिक सार्वजनिक प्रस्ताव (IPO) साबित हो सकता है।
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आईपीओ के जरिए जुटाए जाएंगे 2 बिलियन डॉलर

सूत्रों ने बताया कि टाटा कैपिटल अपने आईपीओ से 2 बिलियन डॉलर तक की राशि जुटाने की योजना बना रहा है, लेकिन इस पर अभी विचार जारी है। यह जानकारी इस मामले से जुड़े लोगों ने पहचान उजागर न करने की शर्त पर दी है, क्योंकि बातचीत निजी रूप से चल रही है। हालांकि, उन्होंने यह भी बताया कि इस प्रस्ताव के विवरण में बदलाव संभव है। टाटा के प्रतिनिधियों ने अभी तक इस मुद्दे पर टिप्पणी के लिए किसी भी अनुरोध का जवाब नहीं दिया है।
टाटा कैपिटल ने राइट्स इश्यू और शेयर लिस्टिंग को दी मंजूरी
टाटा कैपिटल के बोर्ड ने पिछले सप्ताह मौजूदा शेयरधारकों द्वारा इक्विटी की बिक्री और 230 मिलियन शेयरों की लिस्टिंग को मंजूरी दे दी है। इसके अलावा, कंपनी ने 15.04 बिलियन रुपये (172 मिलियन डॉलर) के राइट्स इश्यू की भी घोषणा की। यह कदम टाटा कैपिटल के शेयरधारकों को अपनी हिस्सेदारी बेचने का मौका देगा और इसके अलावा कंपनी को नई पूंजी जुटाने में मदद करेगा।
भारत में आईपीओ बाजार में उछाल

भारत का आईपीओ बाजार हाल की गिरावट के बावजूद उम्मीदों के मुताबिक प्रदर्शन कर रहा है। टाटा कैपिटल का आईपीओ एक बड़ा कदम साबित हो सकता है, जबकि एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया भी इस साल अपने आईपीओ के जरिए 1.5 बिलियन डॉलर जुटाने की योजना बना रही है। इसके अलावा, प्रूडेंशियल पीएलसी ने अपनी भारतीय इकाई के लिए 1 बिलियन डॉलर के आईपीओ की योजना बनाई है और इसके लिए बैंकों को काम पर रखा है।
भारतीय बाजार में नया इतिहास रचने की तैयारी
पिछले साल, हुंडई मोटर इंडिया लिमिटेड ने भारत में एक रिकॉर्ड आईपीओ पेश किया था, जिससे 3.3 बिलियन डॉलर की राशि जुटाई गई थी। टाटा कैपिटल का आईपीओ भारतीय बाजार के लिए एक नया मील का पत्थर हो सकता है और इसके जरिए कंपनी अपनी वित्तीय स्थिति को और मजबूत करने की दिशा में कदम बढ़ाएगी।
भारतीय वित्तीय बाजार में नई दिशा

टाटा कैपिटल एक गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थान (NBFC) है, जो उन ग्राहकों को वित्तीय सेवाएं प्रदान करता है जिन्हें पारंपरिक बैंकिंग तक सीमित या कोई पहुंच नहीं होती। यह संस्थान विशेष रूप से शैडो बैंकिंग के रूप में काम करता है, जो उन लोगों को ऋण जैसी सेवाएं प्रदान करता है जिनके पास पारंपरिक बैंक खातों की सुविधा नहीं होती।
मुंबई स्थित टाटा कैपिटल की वेबसाइट के अनुसार, कंपनी की भारत भर में 900 से अधिक शाखाएं हैं। इस तरह से टाटा कैपिटल का आईपीओ भारतीय वित्तीय बाजार में एक बड़ा कदम हो सकता है, और इससे ना केवल कंपनी को धन जुटाने में मदद मिलेगी, बल्कि भारत के आईपीओ बाजार में एक नई गति देखने को मिल सकती है।