दिल्ली की राजनीति में बीते कुछ सालो में कई बड़े बदलाव आए हैं और कही न कही एक तस्वीर ने इस बदलाव को साफ तौर पर दिखाया है। यह तस्वीर भाजपा नेता विजेंद्र गुप्ता की है, जिन्हें दिल्ली विधानसभा के स्पीकर बनाए जाने के बाद इंटरनेट पर वायरल हो गई है।
इस तस्वीर में विजेंद्र गुप्ता को मार्शल द्वारा उठाकर बाहर ले जाते हुए दिखाया गया है। यह वही नजारा है, जो 10 साल पहले दिल्ली विधानसभा में हुआ था, जब विजेंद्र गुप्ता को सदन से बाहर निकाल दिया गया था। यह घटना आज भी लोगों के बीच चर्चा का विषय बन हुई है, क्योंकि जिस विधानसभा से उन्हें बाहर निकाला गया, अब उसी विधानसभा में वह अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठने जा रहे हैं।

तस्वीर से जुड़ा किस्सा
आपको बता दे…. यह तस्वीर 2015 की है, जब भाजपा के तीन विधायक- विजेंद्र गुप्ता, ओपी शर्मा और जगदीश प्रधान दिल्ली विधानसभा में चौथे दिल्ली वित्त आयोग की सिफारिशों को लागू करने की मांग को लेकर वेल में घुस गए थे। इसके चलते सदन में अराजकता फैल गई और स्पीकर राम निवास गोयल ने उन्हें सदन से बाहर निकालने का आदेश दिया। इस दौरान उनके कुर्ते-पायजामे भी फट गए थे। यह घटना कैमरे में कैद हो गई, जिससे यह तस्वीर लोगों के बीच एक प्रतीक बन गई।
उस वक्त भाजपा नेताओं का यह विरोध सत्र को बाधित कर रहा था, और यही कारण था कि उन्हें बाहर किया गया। इस संघर्ष के बाद भी विजेंद्र गुप्ता ने अपने विरोध को जारी रखा और अपनी पार्टी और जनता के लिए लगातार संघर्ष करते रहे। उनकी मेहनत का परिणाम अब उन्हें मिल चुका है। 10 साल बाद, जहां एक वक्त उन्हें उठाकर बाहर किया गया था, वहीं अब उसी विधानसभा में वह स्पीकर बनकर बैठेंगे।

केजरीवाल के बयान पर मचा हंगामा
ओपी शर्मा को भी विधानसभा में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बयान के दौरान हंगामा करने पर बाहर निकाला गया था। यह तस्वीरें और घटनाएँ दर्शाती हैं कि राजनीति में कब क्या हो जाए, यह कहना मुश्किल है। विजेंद्र गुप्ता के स्पीकर बनने से यह साफ हो गया कि वक्त और हालात बदल सकते हैं, और राजनीतिक संघर्षों के बाद भी कोई व्यक्ति अपने लक्ष्य तक पहुंच सकता है।

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सदन की कार्यवाही
विजेंद्र गुप्ता ने अपनी नियुक्ति के बाद पार्टी का आभार व्यक्त किया है और यह बताया कि वह सदन की कार्यवाही को सुचारू रूप से चलाने के लिए कड़ी मेहनत करेंगे। यह घटना दिल्ली विधानसभा के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ है, जो यह दर्शाता है कि राजनीति में संघर्ष और संघर्ष के बाद की सफलता की कहानी हमेशा दिलचस्प होती है।