Jaishankar Book Launch: विदेश मंत्री एस. जयशंकर अपने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अपने सटीक बयानों की वजह से चर्चा रहने वाले एस. जयशंकर एक बार फिर से इस समय सुर्खियों में हैं। इनका सुर्खियों में रहना लाज़मी है। दरअसल इस बार ये अपने सटीक बयानों के वजह से नहीं बल्कि उनकी किताब ‘व्हाई भारत मैटर्स’ है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भगवान हनुमान को लेकर अपने किताब ‘व्हाई भारत मैटर्स’ में एक दिलचस्प बात कही है। उन्होनें भगवान हनुमान का जिक्र करते हुए कहा कि- ” मैंने बताया है कि कैसे हम उस परिवर्तन बिंदु (बड़े मंच पर आगमन) पर हैं, जहां हमें कई बार अग्निपरीक्षा देनी पड़ रही है। यह ठीक राम की तरह है। उन्हें भी कई बार मुश्किलों का सामना करना पड़ा था।”
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‘रामायण’ में कई बेहतरीन डिप्लोमैट हैं”
आपको बता दें कि एस जयशंकर ने आगे बताया कि-” ‘रामायण’ में कई बेहतरीन डिप्लोमैट हैं, उन्होंने राम-लक्ष्मण के रिश्ते की तुलना करीबी सहयोगियों के रिश्ते से भी की रामायण में हर कोई हनुमान के बारे में बात करता है, लेकिन वहां एक अंगद भी थे। इसमें मौजूद सभी किरदारों ने अपना-अपना राजनयिक योगदान दिया। भारत में, हम ‘राम-लक्ष्मण’ के आपसी प्यार की अक्सर बात करते हैं। प्रत्येक राम को एक लक्ष्मण की आवश्यकता होती है, यदि आपके पास विश्वसनीय दोस्त और सहयोगी हैं तो उससे सभी का कल्याण हो सकता है। यह पूछे जाने पर कि क्या फ्रांस भारत के लिए ‘लक्ष्मण’ (प्रमुख सहयोगी) है, जयशंकर ने कहा, ”मेरे पास फ्रांस पर एक पूरा अध्याय है, इसमें कई बार लक्ष्मण का जिक्र आता है।”
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“दशरथ के चार पुत्रों का जिक्र”
वहीं जयशंकर दशरथ के चार पुत्रों का जिक्र करते हुए कहा कि- “दशरथ के चार पुत्र- राम, भरत, लक्ष्मण और शत्रुघ्न, जिनके कई मायनों में प्रतिस्पर्धी हित हैं, लेकिन उनमें मौलिक समानताएं भी हैं, जब राम को वनवास मिला था, तब लक्ष्मण उनके साथ गए थे. जंगल में राम और लक्ष्मण से मिलने बाकी के दोनों भाई गए थे, उनमें एक समानता थी, जो चारों को जोड़े हुए थी. ठीक ऐसा ही क्वाड के साथ भी है, हम अलग-अलग होते हुए भी एक साथ हैं, यही हमारी यानी क्वाड की विशेषता है।