Maharashtra Politics: ‘सौतेले भाई’ कह कर सीएम Eknath Shinde ने किस पर साधा निशाना?

Aanchal Singh
By Aanchal Singh
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Maharashtra Politics: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) ने शनिवार को मराठा समुदाय के समर्थन से शासक बने लोगों पर न्याय करने में विफल रहने का आरोप लगाया है. एनसीपी (एसपी) प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar) ने कोटा मुद्दे पर समुदायों के बीच दरार की चिंता जताई थी, जिसके बाद एकनाथ शिंदे ने यह बयान दिया है. उन्होंने राज्य सरकार की ‘लड़की बहिन’ और ‘लड़का भाऊ’ योजनाओं की आलोचना करने वालों को ‘सौतेले भाई’ कहकर निशाना साधा है.

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शरद पवार के आरोपों का खंडन

बताते चले कि सीएम शिंदे (Eknath Shinde) ने पवार के आरोप को खारिज करते हुए कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने मराठा और ओबीसी नेताओं के साथ अलग-अलग बैठकें कीं और उन्हें अलग-अलग आश्वासन दिए. एकनाथ शिंदे ने कहा कि उनकी सरकार ने सब कुछ पारदर्शी तरीके से किया है. उन्होंने महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार पर आरोप लगाया कि वे मराठा समुदाय को आरक्षण देने के देवेंद्र फडणवीस सरकार के फैसले का उच्चतम न्यायालय में बचाव नहीं कर सके. एमवीए में शिवसेना (यूबीटी), एनसीपी (एसपी) और कांग्रेस शामिल हैं.

आरक्षण देने में सरकार की पारदर्शिता

एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) ने कहा कि उनकी सरकार ने ओबीसी कोटे को प्रभावित किए बिना मराठा समुदाय को आरक्षण दिया है. जब वे फिर से सत्ता में आए, तो उन्होंने अतिरिक्त पद सृजित किए और पात्र लोगों को नौकरियां दी. उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली एमवीए सरकार पर नीति को लागू करने में असफल रहने का परोक्ष रूप से आरोप लगाया है.

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शरद पवार को पारदर्शी रुख अपनाने की चुनौती

आपको बता दे कि सीएम एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) ने शरद पवार को आरक्षण के मुद्दे पर पारदर्शी रुख अपनाने और राजनीतिक लाभ के लिए किसी विशेष पार्टी को बंधक न बनाने की चुनौती दी है. उन्होंने कहा कि चुनाव आते-जाते रहते हैं, और किसी विशेष समुदाय का इस्तेमाल राजनीतिक लाभ के लिए नहीं करना चाहिए.

योजनाओं की आलोचना पर प्रतिक्रिया

शरद पवार (Sharad Pawar) ने महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra government) की ‘लड़की बहिन’ और ‘लड़का भाऊ’ योजनाओं की निरंतरता पर भी संदेह व्यक्त किया था, यह कहते हुए कि इन्हें एक या दो किस्तों के बाद बंद किया जा सकता है. पलटवार करते हुए एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) ने कहा कि विपक्ष दोनों योजनाओं पर मिली प्रतिक्रिया को पचा नहीं पा रहा है. उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि उन्हें हाजमोला लेना चाहिए क्योंकि वे ‘सौतेले भाई’ हैं, जो योजनाओं में बाधा डालने की कोशिश कर रहे हैं. ‘लड़का भाऊ’ योजना के तहत, कक्षा 12वीं पास नौकरी के इच्छुक युवाओं को 6,000 रुपये, डिप्लोमा धारकों को 8,000 रुपये और स्नातक की डिग्री वालों को 10,000 रुपये मासिक वजीफा मिलेगा. ‘लड़की बहिन’ योजना के तहत पात्र महिलाओं को प्रति माह 1,500 रुपये मिलेंगे.

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