Ayodhya: अयोध्या में 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा का समारोह है, इस ऐतिहासिक दिन के आने में बस कुछ ही दिन बाकी है। देश में हर तरफ बस रामभक्तों की गूंज सुनाई दे रही है। अयोध्या में हूटरों की गूंज सुनाई दे रही है..कोई अपने घरों में पूजा अर्चना कर रहा, तो घर से पैदल यात्रा पर निकल पड़ा, कुछ ऐसी है रामभक्तों की आस्था। 22 जनवरी का दिन अयोध्या ही नहीं बल्कि पूरी दुनियां के लिए ऐतिहासिक होने वाला क्योंकि राम की महिमा भारत में ही नहीं, बल्कि पूरी दुनियां के कोने-कोने तक है।
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फलाहारी बाबा को 22 जनवरी का इंतजार
जाजमऊ एहतमाली गांव निवासी लक्ष्मी स्वरूप ब्रह्मचारी उर्फ फलाहारी बाबा को 22 जनवरी का इंतजार है। क्योंकि 34 सालों बाद फलाहारी बाबा अन्न ग्रहण करेंगे। इसी दिन वह झूलूमऊ गांव में जनसहयोग से बने राममंदिर में प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम कराएंगे।लक्ष्मी स्वरूप ब्रह्मचारी उर्फ फलाहारी बाबा राम मंदिर आंदोलन के दौरान 12 अक्टूबर 1989 को जेल भेज दिए गए थे।
राम मंदिर बनेगा तभी अन्न ग्रहण करूंगा..
17 अक्टूबर का दिन था,रायबरेली जेल में उस समय उन्होंने प्रतिज्ञा की थी कि जब राम मंदिर बनेगा तभी अन्न ग्रहण करूंगा। फलाहारी बाबा ने उसी दिन से ही चारपाई पर सोना, रजाई ओढ़ना और अन्न को त्यागकर खड़ाऊ पहनना एवं ब्रह्मचर्य का पालन करना शुरू कर दिया था। तब से लेकर वह निरंतर 34 साल के बाद भी सभी संकल्पों का पालन करते आ रहे हैं। आज तक ब्रह्मचारी और फलाहारी होकर जीवन यापन कर रहे हैं।
ब्रह्मचर्य का पालन कर रहे ..
आपको बता दे कि सुप्रीम कोर्ट से राम मंदिर के पक्ष में निर्णय आने के बाद उन्होंने एक-एक मुट्ठी अन्न और एक-एक रुपये जनता से मांग कर झूलूमऊ गांव स्थित मां फूलमती मंदिर परिसर में राम मंदिर का निर्माण कराया। अब उसी में अयोध्या में निहित 16 जनवरी से 22 जनवरी तक होने वाली प्राण प्रतिष्ठा के मुहूर्त के समय ही अपने मंदिर में भी प्राण प्रतिष्ठा का मुहूर्त रखा है। यहां 22 जनवरी को राम दरबार स्थापना एवं कन्या भोज के साथ विशाल भंडारे का आयोजन किया जाएगा। इसके बाद तब यह अन्न ग्रहण करेंगे। बाबा ने देव आश्रम दंडी स्वामी से गुरु मंत्र लिया था, तब से ब्रह्मचर्य का पालन कर रहे हैं।
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