Jagdeep Dhankhar Attack on Judiciary: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने बीते दिनों राष्ट्रपति पर की गई सुप्रीम कोर्ट की टिप्प्णी को लेकर तीखा हमला किया है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रपति और राज्यपालों को बिलों को मंजूरी देने की समय सीमा तय की थी। इस पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने गुरुवार को कहा कि जज सुपर पार्लियामेंट की तरह काम कर रहे हैं।
सुपर पार्लियामेंट की तरह काम कर रहे जज
धनखड़ ने कहा कि अदालतें राष्ट्रपति को आदेश नहीं दे सकतीं। उन्होंने कहा कि संविधान का अनुच्छेद 142 के तहत कोर्ट को मिला विशेष अधिकार लोकतांत्रिक शक्तियों के खिलाफ 24×7 उपलब्ध न्यूक्लियर मिसाइल बन गया है। जज सुपर पार्लियामेंट की तरह काम कर रहे हैं। हमारे पास ऐसे न्यायाधीश हैं जो कानून बनाएंगे, जो कार्यकारी कार्य करेंगे, जो ‘सुपर संसद’ के रूप में भी कार्य करेंगे। उनकी कोई जवाबदेही नहीं होगी, क्योंकि देश का कानून उन पर लागू नहीं होता है।’
जस्टिस वर्मा पर अब तक कार्रवाई क्यों नहीं?
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा जस्टिस वर्मा के घर अधजली नकदी मिलने के मामले में अब तक FIR क्यों नहीं हुई? क्या कुछ लोग कानून से ऊपर हैं। इस केस की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने तीन जजों की इन-हाउस कमेटी बनाई है। इसका कोई संवैधानिक आधार नहीं है। उन्होंने कहा कि कमेटी सिर्फ सिफारिश दे सकती है, लेकिन कार्रवाई का अधिकार संसद के पास है। अगर ये मामला किसी आम आदमी के घर होता, तो अब तक पुलिस और जांच एजेंसियां सक्रिय हो चुकी होतीं।
आर्टिकल 142 क्या है?
अनुच्छेद 142 भारत के सुप्रीम कोर्ट को यह अधिकार देता है कि वह पूर्ण न्याय (कम्पलीट जस्टिस) करने के लिए कोई भी आदेश, निर्देश या फैसला दे सकता है, चाहे वह किसी भी मामले में हो।
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