Asaduddin Owaisi : जाने माने राजनेता लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न से सम्मानित किया गया है। पीएम मोदी ने इस बात की जानकारी खुद सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दी है।लालकृष्ण आडवाणी का भाजपा की नींव से राम मंदिर आंदोलन तक भारतीय राजनीति में बहुत ही अहम योगदान रहा है। भारत के विकास में उनका योगदान अविस्मरणीय है।लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न से सम्मानित किए जाने को लेकर कई राजनीतिक दलों के नेताओं ने खुशी जाहिर की है, तो वही एआईएमआईएम के चीफ असदुद्दीन ओवैसी की भी इस पर प्रतिक्रिया सामने आई है।
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“लालकृष्ण आडवाणी भारतरत्न के हक़दार हैं”
आपको बतादें कि एआईएमआईएम के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने उन पर तंज कसते हुए बोला है अपने एक्स हैंडल पर आडवाणी और भारत रत्न दिए जाने की घोषणा पर निशाना साधते हुए ओवैसी ने कहा कि,- ” ‘लालकृष्ण आडवाणी भारतरत्न के हक़दार हैं, हिंसा में जान गंवाने वाले भारतीयों की कब्रें सीढ़ियों के अलावा और कुछ नहीं हैं।’
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कैसा रहा लालकृष्ण आडवाणी सफर ?
लालकृष्ण आडवाणी का जीवन जमीनी स्तर पर काम करने से शुरु होकर देश के उप-प्रधानमंत्री के रुप में देश की सेवा करने तक का है. आडवाणी सबसे लंबे समय तक भाजपा के अध्यक्ष रहे है, ये भाजपा के संस्थापक सदस्यों में से एक रहे है. आडवाणी को व्यापक रूप से महान बौद्धिक क्षमता, मजबूत सिद्धांतों और एक मजबूत और समृद्ध भारत के विचार के प्रति अटूट समर्थन वाले व्यक्ति के रूप में माना जाता है।
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यूपी की सियासी की बदल दी तस्वीर..
आपको बताते है लाल कृष्ण आडवाणी की उस राम रथ यात्रा के बारे में, जिसने यूपी की सियासी तस्वीर और तकदीर दोनों बदल कर रख दी. साल 1990 की 25 सितंबर को आडवाणी की अगुवाई में गुजरात स्थित सोमनाथ से यूपी स्थित अयोध्या के लिए एक यात्रा निकली थी, इसे नाम दिया गया – राम राथ यात्रा. रथ यात्रा शुरू करने के बाद आडवाणी ने एक संबोधन दिया और इसी में उन्होंने कहा था- सौगंध राम की खाते हैं मंदिर वहीं बनाएंगे. इस रथ यात्रा में आडवाणी के तब नरेंद्र मोदी भी साथ थे.