जानें हजारों साल पहले भारत में कैसे खेली जाती थी होली?
होली हिंदू धर्म का प्रमुख त्योहार है, जिसे श्रद्धा और धूमधाम से मनाया जाता है
यह त्योहार मुख्य रूप से दो दिनों तक मनाया जाता है – पहले दिन होलिका दहन और दूसरे दिन रंग खेला जाता है
पुराणों के अनुसार, होली भगवान शिव ने सबसे पहले खेली थी, जो एक पुरानी और रोमांचक कहानी से जुड़ी हुई है
होली का इतिहास हजारों साल पुराना है, जब भारत में लोग प्राकृतिक रंगों से एक-दूसरे पर रंग डालते थे
पहले के समय में होली में फूलों और प्राकृतिक रंगों का उपयोग होता था, और रंगों की जगह पत्तियों और फलियों का भी इस्तेमाल किया जाता था
इस दिन को प्रेम, समृद्धि और रिश्तों को मजबूत करने का पर्व माना जाता है
होलिका दहन की मान्यता है कि इस दिन बुराई का अंत होता है और अच्छाई की जीत होती है
रंग खेलने का आदान-प्रदान सामाजिक समरसता और खुशी का प्रतीक है
इस पर्व की विविधता और ऐतिहासिक महत्व ने होली को न सिर्फ भारत में बल्कि विदेशों में भी लोकप्रिय बना दिया है