मार्च का महीना शुरू हो गया है, लेकिन अभी भी पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbance) के एक्टिव होने से सर्द पहाड़ी इलाकों में बारिश और बर्फबारी हो रही है। इसके कारण मैदानी राज्यों में सर्द हवाएं चलने से सुबह और शाम का मौसम ठंडा रहता है। हालांकि, दिन के समय सूर्य की तेज किरणों के कारण गर्मी भी महसूस हो रही है। राजधानी दिल्ली और एनसीआर का तापमान इस समय 31 डिग्री तक पहुंच चुका है, जो इस समय की सामान्य स्थिति से कहीं अधिक है।
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फरवरी महीने ने का नया रिकॉर्ड

साल 2025 के फरवरी महीने ने एक नया रिकॉर्ड स्थापित किया है। इस महीने में तापमान ने 125 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया है। इससे पहले 1901 में फरवरी का महीना गर्म रहा था। इस बार के तापमान के मुकाबले 1901 में भी स्थिति कुछ इसी तरह की थी। यही नहीं, जनवरी महीने ने भी 125 वर्षों में तीसरी बार सबसे गर्म होने का रिकॉर्ड बना लिया है। फरवरी और जनवरी के इन असामान्य तापमानों ने मौसम विशेषज्ञों को चिंतित कर दिया है। यह स्थिति जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वॉर्मिंग के प्रभावों को दर्शाती है।
IMD का मौसम के लिए पूर्वानुमान जारी
वैश्विक मौसम विज्ञान संगठन (WMO) और भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने मार्च से लेकर मई तक के मौसम का पूर्वानुमान जारी किया है। इन दोनों संगठनों का कहना है कि इस वर्ष मार्च से मई के बीच भारत में बेहद उच्च तापमान (heat wave) देखने को मिल सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह भीषण गर्मी के कारण लू (Heatwave) और हीट वेव जैसी स्थितियों का सामना करना पड़ सकता है, जिससे जनजीवन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। लोगों को ऐसी स्थिति से बचने के लिए एहतियात बरतने की सलाह दी गई है।

कुछ जगहों पर गर्मी का आगाज
आपको बता दे…. भारत के कुछ हिस्सों में तो गर्मी की शुरुआत हो चुकी है। गोवा और कोंकण-कर्नाटक क्षेत्र में पहले ही लू चलने लगी है। हालांकि, अन्य हिस्सों में अभी तक पश्चिमी विक्षोभ के कारण बारिश, बर्फबारी और सर्द हवाएं चल रही हैं, जो कुछ राहत प्रदान कर रहे हैं। लेकिन यह राहत अस्थायी है, क्योंकि अगले कुछ हफ्तों में गर्मी की तीव्रता और बढ़ सकती है।

IMD ने दी चेतावनी
सभी राज्यों को IMD की तरफ से चेतावनी दी गई है कि वे हीट वेव और लू से बचने के लिए उचित कदम उठाएं। साथ ही, लोगों से यह भी आग्रह किया गया है कि वे अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए अत्यधिक गर्मी से बचने के उपाय करें जैसे कि धूप से बचना, पर्याप्त पानी पीना और हल्के कपड़े पहनना। इसके अलावा, किसानों और खेत मजदूरों को विशेष रूप से सावधान रहने की सलाह दी गई है, क्योंकि वे अधिक तापमान के कारण स्वास्थ्य समस्याओं का शिकार हो सकते हैं।