Wayanad landslide: केरल के वायनाड (Wayanad) जिले में 30 जुलाई को मेप्पाडी के पास आए भूस्खलन ने भारी तबाही मचा दी.. इस प्राकृतिक आपदा के कारण अब तक 300 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि सैकड़ों लोग घायल हुए हैं. राहत कार्य जोरों पर हैं और बचाव अभियान जारी है. इसी बीच, कांग्रेस नेता शशि थरूर (Shashi Tharoor) ने अपने वायनाड दौरे का एक वीडियो साझा किया, लेकिन इसके कैप्शन को लेकर उन्हें आलोचनाओं का सामना करना पड़ा है.
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वीडियो और कैप्शन पर विवाद
बताते चले कि तिरुवनंतपुरम से लोकसभा सांसद शशि थरूर (Shashi Tharoor) ने वायनाड (Wayanad) में राहत कार्यों का एक वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किया. वीडियो में थरूर राहत सामग्री को ट्रक से उतारते हुए और राहत कैंप में जाकर प्रभावित लोगों से मिलते हुए दिखाई दे रहे हैं. उन्होंने इस वीडियो के कैप्शन में लिखा था, “वायनाड में एक यादगार दिन की कुछ यादें.” इस कैप्शन पर कई लोगों ने आपत्ति जताई और कहा कि भूस्खलन जैसी त्रासदी को ‘यादगार’ शब्द के साथ जोड़ना अनुचित है.
शशि थरूर ने दी सफाई
आपको बता दे कि इस कैप्शन पर भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय (Amit Malviya) ने तीखी प्रतिक्रिया दी.अमित मालवीय ने लिखा, “शशि थरूर (Shashi Tharoor) के लिए मौतें और आपदाएं यादगार हैं.” इसके अलावा, सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ने भी थरूर की आलोचना की. एक यूजर ने लिखा, “300 से अधिक लोगों की मौत हो गई और कांग्रेस नेता इसे यादगार दिन कह रहे हैं.” एक अन्य यूजर ने लिखा, “आपदाग्रस्त क्षेत्र में एक यादगार दिन का उल्लेख केवल सोशल मीडिया पर लोकप्रियता हासिल करने के लिए किया गया है.” इस विवाद के बाद शशि थरूर ने अपनी सफाई दी. उन्होंने कहा, “मैं ‘यादगार’ शब्द का उपयोग इस अर्थ में कर रहा था कि जिसे याद किया जा सके, जो खास हो, जिसे भुलाया न जा सके. मेरा उद्देश्य किसी के प्रति असंवेदनशीलता दिखाना नहीं था.”
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राहत कार्य और सहायता
शशि थरूर (Shashi Tharoor) ने शनिवार को वायनाड (Wayanad) में भूस्खलन से प्रभावित इलाकों का दौरा किया. वीडियो में दिखाया गया है कि थरूर राहत आपूर्ति की व्यवस्था करने में मदद कर रहे हैं, और प्रभावित लोगों से उनकी स्थिति के बारे में जानकारी ले रहे हैं. यह राहत सामग्री उन लोगों के लिए है जिन्होंने आपदा में अपने घर खो दिए हैं और अब राहत शिविरों में रह रहे हैं.
पोस्ट और कैप्शन पर उठे सवाल
इस घटनाक्रम ने समाजिक मीडिया पर भी ध्यान आकर्षित किया है. लोगों ने शशि थरूर की पोस्ट और उनके कैप्शन पर सवाल उठाते हुए इसे आपदा के प्रति संवेदनहीनता की निशानी बताया. कई लोगों का कहना है कि किसी भी आपदा के समय सोशल मीडिया पर अधिक ध्यान देने की बजाय वास्तविक राहत कार्यों पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए. आपको बता दे कि वायनाड (Wayanad) में भूस्खलन की स्थिति गंभीर है और राहत कार्य लगातार जारी हैं. शशि थरूर (Shashi Tharoor) की ओर से जारी राहत प्रयासों को लेकर चल रही बहस के बावजूद, प्रभावित लोगों की मदद करने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं.
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