Wayanad: केरल के वायनाड (Wayanad) जिले के मेप्पाडी क्षेत्र में पिछले महीने आए भूस्खलन ने भारी तबाही मचाई, जिसमें 300 से अधिक लोगों की जान चली गई. इस प्राकृतिक आपदा के कारण कई परिवार उजड़ गए और स्थानीय जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ. मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने इस कठिन समय में आपदा प्रभावित लोगों की मदद के लिए मुआवजे और पुनर्वास की योजनाओं की घोषणा की है.
मृतकों के परिजनों को मिलेगा मुआवजा
बताते चले कि सीएम विजयन ने एलान किया कि भूस्खलन में मारे गए लोगों के परिजनों को छह-छह लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा. इसमें से चार लाख रुपये राज्य आपदा राहत कोष से और शेष दो लाख रुपये मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष (सीएमडीआरएफ) से दिए जाएंगे. उन्होंने यह भी घोषणा की कि जिन लोगों ने इस आपदा में अपनी आंखें, अन्य अंग खो दिए हैं या जिनकी विकलांगता 60 प्रतिशत तक बढ़ गई है, उन्हें सीएमडीआरएफ से 75,000 रुपये की वित्तीय सहायता दी जाएगी.
आंशिक विकलांगता और किराए के मकानों के लिए सहायता
इसके अलावा, जिन लोगों को 40 से 60 प्रतिशत तक विकलांगता का सामना करना पड़ा है या गंभीर चोटें आई हैं, उन्हें 50,000 रुपये की आर्थिक मदद दी जाएगी. पुनर्वास के हिस्से के रूप में, जो लोग किराए के मकान में रहना चाहते हैं या अपने रिश्तेदारों के साथ रहने का विकल्प चुनते हैं, उन्हें 6,000 रुपये प्रति माह किराए के रूप में दिए जाएंगे. यह सुविधा उन लोगों के लिए नहीं होगी जिन्हें किराया-मुक्त या पूरी तरह से प्रायोजित आवास मिल रहा है. आंशिक प्रायोजन के मामलों में, शेष राशि को अधिकतम 6,000 रुपये तक मासिक किराए के रूप में अनुमति दी जाएगी.
आपदा क्षेत्र की जांच और भविष्य की योजनाएं
मुख्यमंत्री विजयन ने कहा कि वायनाड (Wayanad)की मेप्पाडी पंचायत में भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण करने के लिए एक पांच सदस्यीय विशेषज्ञ टीम का गठन किया गया है. यह टीम आपदा प्रभावित क्षेत्रों में संभावित खतरों का आकलन करेगी और यह पता लगाएगी कि भूस्खलन कैसे और किन परिस्थितियों में हुआ. इसके अलावा, एक ड्रोन-आधारित लिडार सर्वेक्षण भी किया जाएगा ताकि यह निर्धारित किया जा सके कि आपदाग्रस्त क्षेत्रों के नीचे की जमीन की स्थिति क्या है और भविष्य में वहां की भूमि का उपयोग कैसे किया जा सकता है.
भविष्य के पुनर्वास पैकेज की तैयारी
वायनाड (Wayanad)के मुंडक्कई और चूरालामाला क्षेत्रों में 30 जुलाई को बड़े भूस्खलन की घटनाएं हुईं, जिससे ये क्षेत्र लगभग नष्ट हो गए. उसी दिन, कोझिकोड जिले के विलांगड में भी कई भूस्खलन हुए थे. मुख्यमंत्री ने बताया कि अधिकारियों द्वारा वहां की तबाही का निरीक्षण और मूल्यांकन पूरा करने के बाद, उस क्षेत्र के लिए एक अलग पुनर्वास पैकेज पर काम किया जाएगा.