लखनऊ संवाददाता : MOHD KALEEM
लखनऊ। मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने कहा है कि देश में जल को बचाने में प्रत्येक व्यक्ति को अपना योगदान देना होगा। आज भारत ही नहीं विश्व के अनेक देश पानी की किल्लत को झेल रहे हैं। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में पानी का संकट पूरे विश्व के लिए घातक समस्या बनता जा रहा है। बरसात के पानी को संरक्षित कर हम प्रयोग में ला सकते हैं। पानी के बेवजह इस्तेमाल को रोकना चाहिए। आज जल बचाने की मुहिम भविष्य के लिए लाभदायक रहेगी। अगली पीढ़ी जल की त्रासदी से बच सकेगी।
पुनर्जीवित करने का मंत्र दिया
मुख्य सचिव गुरूवार को लखनऊ विकास प्राधिकरण द्वारा जल निकायों के संरक्षण, संवर्धन एवं जीर्णोद्धार के सम्बंध में इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित एक दिवसीय मण्डल स्तरीय कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। मुख्य सचिव ने कहा कि शहरों में जब तक जल सुरक्षित नहीं, तब तक शहर सुरक्षित नहीं है। इसलिए जरूरी है कि हम पानी की बूंद-बूंद का महत्व समझें और पूर्वजों के बनाये गये जल स्त्रोतों को हर हाल में संरक्षित करें। कार्यशाला में लेकमैन ऑफ इंडिया आनंद मल्लिगवाड़ ने कम समय और कम खर्च में नैसर्गिक तरीके से तालाबों और झीलों को पुनर्जीवित करने का मंत्र दिया।
पर्यावरण को व्यवस्थित किया गया
ग्राम्य विकास विभाग के आयुक्त जीएस प्रियदर्शी ने कहा कि नदियों को पुनर्जीवित करना एक बहुत बड़ा और पवित्र काम है। अब तक 22 नदियों को पुनर्जीवित किया जा चुका है। इसके अलावा करीब 75 नदियां ऐसी हैं, जिनको पुनर्जीवित करके उसके आस-पास पेड़-पौधे लगाकर पर्यावरण को व्यवस्थित किया गया है।
अधिकारी व विशेषज्ञ उपस्थित रहे।
मण्डलायुक्त डॉ. रोशन जैकब ने कहा कि मण्डल स्तर पर तालाबों और झीलों के संरक्षण का काम तेजी से चल रहा है। इस क्रम में वॉटर बॉडीज की मैपिंग भी करवायी गयी है। कार्यक्रम में अपर मुख्य सचिव आवास विकास नितिन रमेश गोकर्ण, एलडीए उपाध्यक्ष डॉ. इन्द्रमणि त्रिपाठी समेत अन्य अधिकारी व विशेषज्ञ उपस्थित रहे।