Waqf Bill: केंद्र सरकार ने बुधवार को लोकसभा में वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक पेश किया, जिसे लेकर सरकार और विपक्ष के बीच तीखी बहस जारी है। इस विधेयक को गुरुवार को राज्यसभा में भी पेश किया जाएगा। इस बिल को लेकर विपक्षी दलों के नेताओं का कहना है कि यह विधेयक अल्पसंख्यक समुदाय के अधिकारों पर हमला है, जबकि सरकार का दावा है कि इस विधेयक से वक्फ संपत्तियों का प्रबंधन बेहतर होगा और उनका सही उपयोग सुनिश्चित किया जाएगा।
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टीएमसी ने वक्फ संशोधन विधेयक का किया विरोध

बताते चले कि, ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने इस विधेयक का विरोध किया है। टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा कि उनकी पार्टी इस बिल का पूरी तरह से विरोध करती है। उन्होंने अपने बयान में कहा, “ममता बनर्जी के नेतृत्व में अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस इस बिल का विरोध करती है। मेरे भाषण की भावना यह है— ‘तू हिंदू बनेगा, न मुसलमान बनेगा; इंसान की औलाद है, इंसान बनेगा।’” इस बयान के जरिए उन्होंने समाज में समानता और बंधुत्व की बात की।
कल्याण बनर्जी ने सरकार पर निशाना साधा
कल्याण बनर्जी ने इस विधेयक पर सरकार के कदम को गलत बताते हुए कहा कि यह बिल अल्पसंख्यक समुदायों के लिए सही नहीं है। उन्होंने सरकार से मांग की कि वह इस विधेयक को वापस ले, क्योंकि यह अल्पसंख्यकों के अधिकारों पर आक्रमण करता है। टीएमसी ने इस बिल को पूरी तरह से संविधान विरोधी और अल्पसंख्यकों के खिलाफ बताया है।
वक्फ विधेयक पर 8 घंटे की चर्चा की संभावना

लोकसभा में वक्फ विधेयक 2025 पर 8 घंटे की चर्चा हो सकती है। इस बिल को लेकर विपक्षी दलों का कहना है कि यह विधेयक अल्पसंख्यकों के अधिकारों पर सीधा हमला है और इससे उनके सामाजिक-आर्थिक विकास को प्रभावित किया जाएगा। दूसरी ओर, सरकार का कहना है कि इस विधेयक का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों का बेहतर प्रबंधन और उनका सही उपयोग सुनिश्चित करना है, जिससे समुदायों को फायदा पहुंचे।
विपक्षी दलों ने बिल को संविधान के खिलाफ बताया
कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, टीएमसी और अन्य विपक्षी दलों ने इस विधेयक का विरोध किया है और इसे संविधान के खिलाफ बताया है। उनका कहना है कि यह विधेयक अल्पसंख्यक समुदाय के अधिकारों का उल्लंघन करता है और उनकी स्वतंत्रता को सीमित करता है। इन दलों का यह भी मानना है कि यह विधेयक सरकार की नीतियों के खिलाफ है और अल्पसंख्यकों के लिए एक बड़ा खतरा साबित हो सकता है।
लोकसभा में NDA की स्थिति मजबूत

आपको बता दे कि, लोकसभा में NDA की स्थिति काफी मजबूत है, जहां उसके पास 293 सांसद हैं। इस बिल को लोकसभा में पास कराने के लिए NDA को 272 वोटों की आवश्यकता होगी। ऐसे में सरकार को उम्मीद है कि उसकी मजबूत स्थिति के चलते यह विधेयक आसानी से पारित हो जाएगा, हालांकि विपक्षी दल इस बिल को लेकर लगातार अपनी आपत्ति जताते आ रहे हैं।
वक्फ संशोधन विधेयक 2025 पर लोकसभा में जारी बहस और विरोध ने सरकार और विपक्ष के बीच एक नया टकराव पैदा कर दिया है। टीएमसी और अन्य विपक्षी दलों का मानना है कि यह विधेयक अल्पसंख्यकों के अधिकारों के खिलाफ है, जबकि सरकार इसे वक्फ संपत्तियों के बेहतर प्रबंधन के रूप में देख रही है। अब देखना यह होगा कि इस विधेयक पर आगे क्या फैसले होते हैं और इसका भविष्य क्या होगा।
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