Waqf Amendment Bill: संसद में भारी विरोध और हंगामा…Congress ने कहा-‘यह बिल अधिकारों पर चोट है’

Aanchal Singh
By Aanchal Singh
किरेन रिजिजू

Waqf Amendment Bill: आज केंद्रीय अल्पसंख्यक और कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक 2024 (Waqf Amendment Bill 2024) पेश किया. लोकसभा में विधेयक पेश करते समय भारी हंगामा हुआ. सरकार द्वारा बिल पेश किए जाने के बाद मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने कहा कि यह बिल अधिकारों पर चोट है और संविधान की मूल भावना के खिलाफ है. कांग्रेस के अलावा समाजवादी पार्टी (सपा) और AIMIM ने भी विधेयक का विरोध किया है.

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विपक्ष की प्रतिक्रिया

विपक्ष की प्रतिक्रिया

सपा सांसद मोहिबुल्लाह नदवी ने विधेयक (Waqf Amendment Bill 2024) के विरोध में कहा कि यह मुस्लिमों के साथ अन्याय है. उन्होंने कहा कि पिछले 10 सालों से अल्पसंख्यकों के साथ जो हो रहा है, उसे देखकर रूह कांप जाती है. उन्होंने आरोप लगाया कि विधेयक के माध्यम से मुस्लिम समुदाय के अधिकारों में हस्तक्षेप किया जा रहा है और यह संविधान की भावना के खिलाफ है. सपा सांसद रामपुर से मोहिबुल्लाह ने कहा कि इससे भेदभाव होगा और कलेक्टर को कई अधिकार दिए जा रहे हैं. उन्होंने कहा, “मेरे मजहब की चीजें कोई दूसरा कैसे तय करेगा? यह मजहब में दखलंदाजी है. संविधान बचाने के लिए कहीं जनता सड़कों पर न आ जाए.”

कांग्रेस का रुख

कांग्रेस का रुख

कांग्रेस सांसद के.सी. वेणुगोपाल ने लोकसभा में विधेयक (Waqf Amendment Bill 2024) का विरोध करते हुए कहा, “यह विधेयक संविधान पर एक मौलिक हमला है. इस विधेयक के माध्यम से वे यह प्रावधान कर रहे हैं कि गैर-मुस्लिम भी वक्फ गवर्निंग काउंसिल के सदस्य होंगे. यह धर्म की स्वतंत्रता पर सीधा हमला है.”

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अन्य दलों की प्रतिक्रिया

अन्य दलों की प्रतिक्रिया

टीएमसी के सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा कि यह संविधान अनुच्छेद 14 के खिलाफ है. डीएमके सांसद कनिमोझी ने कहा कि संविधान सुप्रीम है और इसका संरक्षण होना चाहिए, लेकिन यह सरकार संविधान के खिलाफ जा रही है. एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि यह बिल वापस लिया जाना चाहिए और कम से कम इसे स्टैंडिंग कमेटी को भेजा जाना चाहिए.

एआईएमआईएम का विरोध

एआईएमआईएम का विरोध

बताते चले कि एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि सरकार कह रही है कि वक्फ बोर्ड में महिलाओं को सदस्य बनाया जाएगा. उन्होंने आरोप लगाया कि यह बिल जोड़ने के लिए नहीं बल्कि बांटने के लिए लाया गया है. असदुद्दीन ओवैसी ने बिल का जिक्र करते हुए कहा कि इसमें पांच साल तक इस्लाम का पालन करने वाले व्यक्ति को ही वक्फ बोर्ड को अपनी संपत्ति दान करने की बात की गई है.

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जेडीयू का समर्थन

जेडीयू नेता राजीव रंजन ने कहा कि कई सदस्यों की बात सुनने से ऐसा लग रहा है कि जैसे यह संशोधन मुस्लिम विरोधी है. उन्होंने कहा कि यह एक संस्था को पारदर्शी बनाने का प्रयास है और इसमें धर्म के नाम पर कोई बंटवारा नहीं हो रहा है.

विधेयक के प्रावधान

विधेयक के प्रावधान

आपकी जानकारी के लिए बता दे कि विधेयक के अनुसार, गैर-मुस्लिमों को वक्फ गवर्निंग काउंसिल के सदस्य बनाया जाएगा. इसके साथ ही सर्वे कमिश्नर के अधिकार जिलाधिकारी को दिए जाएंगे. इस पर विरोध जताते हुए रामपुर के सांसद ने कहा कि इससे धर्म में हस्तक्षेप हो रहा है और मुस्लिम समुदाय के धार्मिक अधिकारों का उल्लंघन हो रहा है. विधेयक पेश होते ही लोकसभा में भारी हंगामा हुआ.

अखिलेश यादव ने बिल को बताया सोची-समझी राजनीति

अखिलेश यादव ने बिल को बताया सोची-समझी राजनीति

समाजवादी पार्टी के सांसद अखिलेश यादव ने कहा कि यह बिल सोची-समझी राजनीति के तहत पेश हो रहा है. उन्होंने स्पीकर के अधिकारों के हनन का भी आरोप लगाया. इस दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि स्पीकर के अधिकार सिर्फ विपक्ष के लिए नहीं बल्कि पूरे सदन के लिए हैं.

कुल मिलाकर, वक्फ संशोधन विधेयक 2024 (Waqf Amendment Bill 2024) के विरोध में विभिन्न विपक्षी दलों ने जोरदार विरोध किया है, जिसमें विधेयक को संविधान और धार्मिक स्वतंत्रता के खिलाफ बताया गया है. इस पर विचार-विमर्श और चर्चा के बाद ही आगे की कार्रवाई सुनिश्चित की जा सकेगी.

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