Vodafone Idea Share Price: दुनिया की बड़ी ब्रोकरेज फर्म, Goldman Sachs ने भारती एयरटेल के टारगेट प्राइस में 5% का इज़ाफ़ा करते हुए इसे ₹1,780 कर दिया है। पहले यह ₹1,700 था। कंपनी की मजबूत कमाई, ऑपरेशनल प्रदर्शन और रणनीतिक विस्तार के कारण यह बढ़ोतरी की गई है। FY25-28 के लिए कंपनी के राजस्व और EBITDA अनुमान में क्रमशः 8% और 5% की वृद्धि की संभावना जताई गई है। मंगलवार को Airtel के शेयर में 1.8% की बढ़त के साथ ₹1,630 तक पहुंच गया, जिससे स्टॉक में 9.2% अपसाइड पोटेंशियल देखा जा रहा है। कैपिटल एक्सपेंडिचर और कम मार्जिन वाली सेवाओं को कम करने की रणनीति ने कंपनी के मुनाफे को बढ़ावा दिया है।
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वोडाफोन आइडिया का टारगेट प्राइस ₹2.40 पर स्थिर

Goldman Sachs ने वोडाफोन आइडिया के लिए अपनी “Sell” रेटिंग को बरकरार रखा है और इसका टारगेट प्राइस ₹2.40 पर स्थिर रखा है। इस समय वोडाफोन आइडिया का शेयर ₹8.04 पर ट्रेड कर रहा है, जिससे इसमें 70% की संभावित गिरावट हो सकती है। कंपनी को कमजोर ग्राहक वृद्धि और अपेक्षाकृत कम टैरिफ वृद्धि का सामना करना पड़ रहा है, जिससे कंपनी की स्थिति दबाव में बनी हुई है। Goldman Sachs का कहना है कि अगर वोडाफोन आइडिया को नए निवेश, एसेट बिक्री या सरकारी राहत नहीं मिलती, तो कंपनी की स्थिति और खराब हो सकती है।
इंडस टावर्स का टारगेट प्राइस ₹330 पर घटाया गया

Goldman Sachs ने इंडस टावर्स का टारगेट प्राइस 6% घटाकर ₹330 कर दिया है और इसे “Sell” रेटिंग दी है। मंगलवार को इंडस टावर्स का शेयर ₹336.75 पर 2% की वृद्धि के साथ ट्रेड कर रहा था, लेकिन ब्रोकरेज रिपोर्ट के अनुसार, इसमें 2% की और गिरावट देखी जा सकती है। कंपनी का खर्च बढ़ रहा है क्योंकि यह Airtel और Vodafone Idea के लिए नए टावरों का तेजी से रोलआउट कर रही है। हालांकि FY25-28 के लिए EBITDA अनुमान में 2% की वृद्धि की गई है, लेकिन बढ़ते कैपेक्स (Capex) से कंपनी के कैश फ्लो पर दबाव बढ़ सकता है।
निवेशकों के लिए संकेत

Goldman Sachs की रिपोर्ट निवेशकों को विभिन्न संकेत देती है। भारती एयरटेल के लिए यह एक सकारात्मक संकेत है, जिसमें 9.2% तक की अपसाइड पोटेंशियल देखी जा रही है। वहीं, वोडाफोन आइडिया में उच्च जोखिम की संभावना है, जिसमें 70% तक की गिरावट का खतरा हो सकता है। इंडस टावर्स के लिए रिपोर्ट ने कमजोर कैश फ्लो और नए टावर इंस्टॉलेशन से दबाव को लेकर नकारात्मक आउटलुक दिया है। निवेशकों को इन कंपनियों की स्थिति को ध्यान में रखते हुए अपने निवेश निर्णय लेने चाहिए।
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