Vodafone Idea Share Price Strategy: वर्तमान में, वोडाफोन-आइडिया टेलीकॉम उद्योग में एक बड़ी चुनौती का सामना कर रही है। कंपनी वित्तीय संकट, बढ़ते कर्ज और सरकारी दबाव के कारण मुश्किल दौर से गुजर रही है। इस बीच, निवेशकों को चिंता है कि कंपनी के शेयरों का भविष्य क्या होगा? क्या निवेशकों को अभी भी वोडाफोन-आइडिया के शेयरों में निवेश जारी रखना चाहिए, या इसे छोड़ देना चाहिए? इस संदर्भ में, ET Now Swadesh के एक विशेष शो में दिग्गज मार्केट एक्सपर्ट ने अपनी राय साझा की।
वोडाफोन-आइडिया पर सरकारी दबाव और वित्तीय संकट
हाल ही में, वोडाफोन-आइडिया को दूरसंचार विभाग (DoT) से एक बड़ा झटका लगा। सरकार ने कंपनी को 6090 करोड़ रुपये की बैंक गारंटी देने का आदेश दिया और इसे एक महीने के भीतर जमा करने की हिदायत दी। यह आदेश वोडाफोन-आइडिया के लिए एक गंभीर चुनौती है, क्योंकि इससे कंपनी की वित्तीय स्थिति पर और दबाव पड़ेगा।

इसके अलावा, वोडाफोन-आइडिया के शेयरों में भी गिरावट देखने को मिली है। शुक्रवार के कारोबारी दिन, कंपनी के शेयर 1.97% की गिरावट के साथ 8.48 रुपये प्रति शेयर पर ट्रेड कर रहे थे। हालांकि, पहले यह 8.75 रुपये पर खुले थे और इंट्रा-डे में 8.78 रुपये तक पहुंचे थे। इन आंकड़ों से स्पष्ट होता है कि वोडाफोन-आइडिया के शेयरों में अभी भी उतार-चढ़ाव बना हुआ है।
निवेशकों के लिए एक बड़ा सवाल: बने रहें या बाहर निकलें?
वर्तमान स्थिति को देखते हुए, निवेशकों के लिए यह सवाल उठता है कि क्या उन्हें वोडाफोन-आइडिया के शेयरों में बने रहना चाहिए या उन्हें छोड़ देना चाहिए? इस पर मार्केट एक्सपर्ट विवेक ने अपनी राय दी है। उन्होंने कहा कि कंपनी के कर्ज की स्थिति को समझना जरूरी है।

हालांकि, यदि कोई निवेशक 8 रुपये से 10 रुपये के बीच वोडाफोन-आइडिया के शेयर खरीदता है, तो उन्हें ज्यादा नुकसान नहीं होने की संभावना है। इसके बावजूद, विवेक ने इसे एक न्यूट्रल राय बताया और कहा कि जब तक कंपनी का कर्ज कम नहीं होता, तब तक शेयर में कोई बड़ी रैली देखने को नहीं मिलेगी।
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वोडाफोन-आइडिया के शेयर का ऐतिहासिक प्रदर्शन

वोडाफोन-आइडिया के शेयरों का पिछले 52 हफ्तों का प्रदर्शन काफी उतार-चढ़ाव भरा रहा है। बीएसई के डेटा के अनुसार, इस कंपनी के शेयरों का उच्चतम स्तर 19.15 रुपये और निम्नतम स्तर 6.60 रुपये रहा है। कंपनी का कुल मार्केट कैप 60,327.11 करोड़ रुपये है, जो इस बात का संकेत देता है कि कंपनी का बाजार में अभी भी महत्वपूर्ण स्थान है, लेकिन इसके लिए उसे अपने वित्तीय संकट से बाहर निकलने की जरूरत है।