Vodafone Idea Share Price: वोडाफोन-आइडिया के शेयरों में एक बार फिर से मजबूती देखने को मिल रही है। गुरुवार, 26 जून 2025 को कंपनी का स्टॉक 2.38 प्रतिशत की बढ़त के साथ 7.30 रुपये पर बंद हुआ। बीते पांच कारोबारी सत्रों में इसमें करीब 15 प्रतिशत की उछाल आ चुकी है। यह तेजी ऐसे समय में आई है जब कंपनी ने फंड जुटाने की प्रक्रिया को दोबारा तेज किया है, जिससे बाजार में बायर्स की सक्रियता बढ़ गई है।
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25,000 करोड़ रुपये के लोन की तैयारी में जुटी कंपनी
मिली जानकारी के अनुसार, वोडाफोन-आइडिया अपनी वित्तीय स्थिति को मजबूत करने और बाजार में प्रतिस्पर्धा करने के लिए 25,000 करोड़ रुपये का कर्ज जुटाने की दिशा में काम कर रही है। कंपनी की इस बातचीत में भारतीय स्टेट बैंक (SBI) प्रमुख भूमिका में है। इस फंड का इस्तेमाल नेटवर्क विस्तार और कैपेक्स के लिए किया जाएगा। फंड जुटाने की खबर आने के बाद शेयर में खरीदारी का माहौल बन गया है।
फंडिंग से मिलेगी ऑपरेशनल राहत
हालांकि शेयर में तेजी देखी जा रही है, लेकिन एक्सपर्ट्स अभी भी सतर्क रुख बनाए हुए हैं। विश्लेषकों का कहना है कि वोडाफोन-आइडिया को फंड मिलने में अभी समय लग सकता है और कंपनी की मौजूदा स्थिति को देखते हुए निवेश में जोखिम बना हुआ है। यही वजह है कि अधिकतर ब्रोकिंग फर्मों ने इस स्टॉक को “SELL” की रेटिंग दी है।
घरेलू और विदेशी दोनों स्रोतों से जुटेगा फंड
एक रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी द्वारा प्रस्तावित कर्ज की अवधि 10 साल तक हो सकती है और यह घरेलू एवं विदेशी दोनों स्रोतों से जुटाया जाएगा। वोडाफोन-आइडिया के लिए यह एक बड़ा कदम होगा, खासकर तब जब कंपनी लंबे समय से वित्तीय संकट से जूझ रही है और बैंकों से कर्ज पाने में असफल रही है।
बड़े प्रतिद्वंद्वियों से मुकाबले के लिए जरूरी है फंडिंग
वर्तमान समय में वोडाफोन-आइडिया को रिलायंस जियो और भारती एयरटेल जैसे मजबूत प्रतिद्वंद्वियों से कड़ी टक्कर मिल रही है। अगर कंपनी समय पर पूंजी नहीं जुटा पाती, तो उसके नेटवर्क विस्तार और ग्राहकों को बनाए रखने की योजना प्रभावित हो सकती है। फंडिंग मिलने पर कंपनी अपने नेटवर्क रोलआउट में तेजी ला सकती है।
सरकारी हिस्सेदारी बढ़ाकर पहले ही दी जा चुकी है राहत
गौरतलब है कि अप्रैल 2025 में भारत सरकार ने वोडाफोन-आइडिया की स्पेक्ट्रम भुगतान देनदारी को इक्विटी में बदलकर कंपनी में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाकर 48.99 प्रतिशत कर दी थी। यह कदम कंपनी के लिए एक बड़ा राहत भरा फैसला था, लेकिन स्थायी समाधान के लिए पूंजी जुटाना अब भी जरूरी है।
डिस्क्लेमर: यह खबर केवल सूचना के उद्देश्य से है। इसमें दिए गए विचार संबंधित विश्लेषकों या ब्रोकिंग फर्मों के हैं। निवेश करने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य लें।
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