Vodafone Idea, Airtel :सुप्रीम कोर्ट ने 14 फरवरी 2025 को वोडाफोन-आइडिया (Vi) और भारती एयरटेल सहित अन्य टेलीकॉम कंपनियों की याचिका खारिज कर दी है। इन कंपनियों ने समायोजित सकल राजस्व (AGR) बकाया की गणना में सुधार की मांग की थी। इन कंपनियों का दावा था कि दूरसंचार विभाग (DoT) ने AGR की गणना में गलतियां की हैं और पहले किए गए भुगतान को सही तरीके से नहीं जोड़ा गया है।हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने 2021 में दिए गए फैसले को बरकरार रखते हुए पुनर्गणना से इनकार कर दिया। इस फैसले के बाद, टेलीकॉम कंपनियों को राहत मिलने की उम्मीद टूट गई, और उनकी ओर से किए गए दावे खारिज हो गए।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले का शेयर बाजार पर असर

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का सीधा असर टेलीकॉम कंपनियों के शेयरों पर पड़ा। वोडाफोन-आइडिया के शेयर 4.16 प्रतिशत गिरकर 8.29 रुपये प्रति शेयर पर पहुंच गए, जबकि एयरटेल के शेयर में 0.51 प्रतिशत की गिरावट आई और यह 1,705 रुपये प्रति शेयर पर आ गए। इस फैसले से कंपनियों के लिए वित्तीय दबाव बढ़ सकता है, जिससे निवेशकों में चिंता देखी जा रही है।
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कंपनियों की दलील और लगातार खारिज होती याचिकाएं

वोडाफोन-आइडिया और भारती एयरटेल ने पहले भी कई बार इस मुद्दे को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दायर की थीं। कंपनियों का कहना था कि AGR बकाया की गणना में गलती की गई है, और सरकार द्वारा उन्हें जो भुगतान करना था, उसे ठीक से जोड़ा नहीं गया। हालांकि, कोर्ट ने इस दलील को स्वीकार नहीं किया और 2021, 2022 और 2023 में भी इसी तरह की याचिकाएं खारिज की थीं।कंपनियों ने यह भी आरोप लगाया था कि AGR बकाया की कुल राशि 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गई है, जो कि गलत गणना के कारण दिख रही है। इसके बावजूद सुप्रीम कोर्ट ने पुनर्गणना की संभावना को नकार दिया और पहले के फैसले को बनाए रखा।
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सरकार द्वारा राहत की संभावना
रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार इस समस्या का समाधान करने के लिए विचार कर रही है। सरकार 50 प्रतिशत ब्याज और 100 प्रतिशत जुर्माने को माफ करने की योजना बना रही है, जिससे कंपनियों का बड़ा वित्तीय बोझ कम हो सकता है। हालांकि, इस पर सरकार की ओर से कोई आधिकारिक निर्णय अभी तक नहीं लिया गया है।यह वही जुर्माना है, जिसे 2019 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद कंपनियों पर लगाया गया था। यदि सरकार इस पर निर्णय लेती है, तो यह टेलीकॉम कंपनियों के लिए राहत का कारण बन सकता है।