Mathura: भारत सरकार और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद देश में VIP कल्चर खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. साल 2014 में भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने देश में VIP कल्चर पर रोक लगाते हुए कुछ आदेश गाड़ियों पर लाल ,नीली,पीली बत्ती लगाने के संबंध में दिए थे, जिसका अनुपालन करते हुए भारत सरकार ने मोटर व्हीकल एक्ट में बदलाव किया और कुछ चुनिंदा लोगों को फ्लैशर और बिना फ्लैशर बत्ती के उपयोग की छूट दी गई, लेकिन बाबजूद इसके वीआईपी कल्चर खत्म नहीं हुआ है.
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मेयर के काफिले की गाड़ियां
आपको बता दे कि तस्वीरो में दिखाई दे रही ये गाडियां मथुरा वृंदावन नगर निगम के मेयर के काफिले की है. जो कि पीएम मोदी और सीएम योगी के वीआईपी कल्चर खत्म करने के आदेशों को ठेंगा दिखाती नजर आ रही है. अब सवाल ये उठता है कि क्या मेयर को इस तरह गाड़ियों पर एक्ट के अनुसार इन बत्तियों के उपयोग की अनुमति यूपी में है ?
मेयर का VIP कल्चर खत्म नहीं हो पा रहा
उत्तर प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ एवं भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जहां एक ओर वीआईपी कल्चर को खत्म करते हुए नजर आ रहे हैं. माननीयो और अधिकारियों की गाड़ियों से बत्तियां उतरवायी जा रही हैं. वहीं दूसरी ओर मथुरा के मेयर का वीआईपी कल्चर खत्म नहीं हो पा रहा है. सत्ताधारी पार्टी के मेयर होते हुए भी वह मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री के आदेशों की धड़ल्ले से सड़कों पर धज्जियां उड़ाते हुए नजर आ रहे हैं.
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मथुरा प्रशासन बना तमाशबिन
मथुरा के मेयर विनोद अग्रवाल का काफिला हूटर व बत्तियों से लैस मथुरा की सड़कों पर आसानी से फर्राटे भरता हुआ नजर आ जाता है. वहीं मथुरा प्रशासन तमाशबिन की तरह यह पूरा खेल देखता है. अब सोचने वाली बात यह है कि क्या मथुरा के मेयर मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री से भी ज्यादा रसूक रखने वाले हैं. मेयर का रुतबा इतना है कि वह अपनी गाड़ी के साथ-साथ अपने काफिले में चलने वाली अन्य गाड़ियों पर भी गाड़ियों को बत्ती लगाकर सुशोभित करते हैं ताकि उनके रसूक में और चार चांद लग जाए.
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