Canada: कनाडा (Canada) में खालिस्तानी समर्थकों की गतिविधियां लगातार बढ़ती जा रही हैं, जहां वे खुलेआम भारत के खिलाफ नारेबाजी और प्रदर्शन कर रहे हैं. हाल ही में हिंदू समुदाय और मंदिरों पर हमले भी हुए हैं. इस घटनाक्रम ने हिंदू समुदाय में आक्रोश बढ़ा दिया है, जिससे अब हिंदू समुदाय (Hindu community) भी एकजुटता के प्रयास तेज कर रहा है. रविवार को ब्रैम्पटन के हिंदू सभा मंदिर में खालिस्तानी समर्थकों ने प्रदर्शन के दौरान भक्तों पर हमला किया. इस हिंसात्मक घटना की निंदा खुद कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो (Justin Trudeau) ने की. ट्रूडो ने कहा कि “मंदिर में हिंसा अस्वीकार्य है. हर कनाडाई को अपनी आस्था का पालन करने का अधिकार है.” उन्होंने कानून प्रवर्तन एजेंसी को त्वरित एक्शन के लिए धन्यवाद भी दिया.
हिंदू समुदाय में बढ़ता आक्रोश

बताते चले कि, इस घटना के बाद हिंदू समुदाय (Hindu community) के बीच नाराजगी का माहौल है. ब्रैम्पटन मंदिर के पुजारी ने हिंदुओं को एकजुट होने का आह्वान किया और कहा कि “बंटोगे तो कटोगे.” उन्होंने हिंदुओं से अपील की कि वे एक होकर ही अपनी सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं. मंदिर परिसर के बाहर जुटे लोगों ने ‘भारत माता की जय’ के नारे भी लगाए और एकजुटता का संदेश दिया.
हिंदू सभा मंदिर में हिंसा का विरोध

हिंदू सभा मंदिर के पुजारी ने कहा कि यह हमला सिर्फ हिंदू सभा पर नहीं, बल्कि पूरे विश्व के हिंदुओं पर हुआ है. उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि सभी हिंदू एकजुट हों और भविष्य के बारे में सोचें. नारेबाजी के बीच पुजारी ने कहा कि “हम किसी का विरोध नहीं करते, लेकिन यदि कोई हमारा विरोध करता है, तो हमें एकजुट होकर उसका सामना करना होगा.”
कनाडा में भारत-विरोधी ताकतों को बढ़ावा

रविवार को ब्रैम्पटन (Brampton) में खालिस्तान समर्थकों ने मंदिर के बाहर प्रदर्शन किया. प्रदर्शन के दौरान जब भक्तों ने विरोध किया, तो खालिस्तानियों ने मंदिर परिसर में घुसकर हिंसा की. इस घटना में महिलाओं और बच्चों पर भी हमला किया गया. ब्रैम्पटन टोरंटो से करीब 80 किलोमीटर दूर है, जहां भारतीय समुदाय की बड़ी संख्या रहती है.
पुलिस की प्रतिक्रिया पर सवाल
सूत्रों के मुताबिक, 4 नवंबर को हिंदू सभा मंदिर के बाहर खालिस्तान समर्थकों ने नारेबाजी की और जब भक्तों ने इसका विरोध किया, तो हमले का सहारा लिया. पुलिस के रवैये ने लोगों को हैरान कर दिया, क्योंकि पुलिस ने खालिस्तान समर्थकों को रोकने की बजाय उल्टा 3 हिंदू समर्थकों को ही गिरफ्तार कर लिया. इस घटना ने सवाल उठाए हैं कि कनाडा में खालिस्तानी ताकतों को समर्थन कहां से मिल रहा है.
राजनीतिक हलकों में खलबली

ब्रैम्पटन की घटना से कनाडा के राजनीतिक गलियारों में भी हलचल है. कनाडाई सांसद चंद्र आर्य ने हमले का वीडियो साझा करते हुए इसे “रेड लाइन पार” करना बताया. उन्होंने कहा कि यह घटना खालिस्तानी उग्रवाद के हिंसात्मक और बेशर्म रूप को दर्शाती है. प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो (Justin Trudeau) ने घटना की निंदा की, लेकिन खालिस्तानी समर्थकों के प्रति उनकी सहानुभूति पर सवाल उठाए जा रहे हैं.
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