विजया एकादशी 2025 इस साल 18 फरवरी को मनाई जाएगी। हिंदू धर्म में एकादशी का विशेष महत्व है, और विजया एकादशी का विशेष महत्व इस कारण है कि यह दिन भगवान विष्णु की पूजा के साथ-साथ समृद्धि और सुख-समृद्धि के प्रतीक माने जाते हैं। इस दिन उपवास और पूजा करने से पापों से मुक्ति मिलती है, और भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है। लेकिन इस दिन कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना जरूरी है, वरना इसे लेकर आपकी मेहनत व्यर्थ हो सकती है और लक्ष्मी माता की कृपा प्राप्त नहीं हो पाएगी।
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बिना स्नान किए पूजा न करें
विजया एकादशी के दिन पूजा करने से पहले स्नान करना अनिवार्य है। शास्त्रों के अनुसार, बिना स्नान के पूजा करने से पुण्य की प्राप्ति नहीं होती है और पूजा का असर कम हो सकता है।
एकादशी के दिन भोजन का ध्यान रखें
विजया एकादशी पर उपवास करने का विशेष महत्व है, लेकिन यदि कोई कारणवश उपवास न कर पाएं तो फलाहार का सेवन करना चाहिए। इस दिन तले हुए भोजन, मांसाहारी भोजन और आलू जैसे उच्च स्तरीय शाकाहारी भोजन से बचना चाहिए। यह दिन तपस्या और साधना का होता है, अतः आपको हल्का और शुद्ध आहार ही ग्रहण करना चाहिए।

सुबह-सुबह भगवान की पूजा करें
विजया एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा सुबह जल्दी करनी चाहिए। यह समय सबसे उत्तम होता है, क्योंकि सुबह-सुबह पूजा करने से भगवान विष्णु शीघ्र प्रसन्न होते हैं और आपके जीवन में सुख-समृद्धि आती है। पूजा के दौरान “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जप करने से विशेष लाभ मिलता है।
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व्रत के दौरान झूठ बोलने से बचें
विजया एकादशी पर व्रत रखते समय झूठ बोलने से बचना चाहिए। व्रत के दौरान सत्य बोलना और अच्छे विचारों को मन में रखना बहुत जरूरी है। झूठ बोलने से व्रत का पुण्य नष्ट हो सकता है और देवी लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त नहीं होता है।
विश्राम और आराम का ध्यान रखें
विजया एकादशी के दिन अधिक मेहनत या अधिक शारीरिक श्रम से बचना चाहिए। व्रत रखने वाले व्यक्तियों को इस दिन आराम करना चाहिए ताकि शरीर स्वस्थ और ऊर्जावान रहे।

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शुद्ध मन से पूजा करें
ध्यान रखें कि पूजा करते समय आपका मन शुद्ध और एकाग्र होना चाहिए। यदि पूजा करते समय आपका मन बंटा रहता है या आप किसी और विषय के बारे में सोचते हैं तो पूजा का पूरा फल नहीं मिलता।