Vijaya Dashami: देशभर में उत्साह से मनाया जा रहा है दशहरा, PM मोदी ने देशवासियों को दी विजयादशमी की बधाई

Aanchal Singh
By Aanchal Singh
PM मोदी ने देशवासियों को दी विजयादशमी की बधाई

Vijaya Dashami: आज पूरे देश में दशहरा (Dussehra) का पर्व बड़े धूमधाम और उत्साह के साथ मनाया जा रहा है. हर साल शारदीय नवरात्रि के समापन पर आश्विन माह की दशमी तिथि को विजयादशमी (Vijaya Dashami) के रूप में यह पर्व मनाया जाता है. दशहरा अच्छाई की बुराई पर जीत का प्रतीक माना जाता है, जो भारतीय संस्कृति और धार्मिक परंपराओं में विशेष स्थान रखता है. इस दिन भगवान श्रीराम द्वारा रावण का वध कर बुराई का अंत करने और मां दुर्गा द्वारा महिषासुर को हराने की कहानियां हमारे धार्मिक ग्रंथों में प्रमुखता से दर्ज हैं.

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प्रधानमंत्री मोदी ने दी शुभकामनाएं

प्रधानमंत्री मोदी ने दी शुभकामनाएं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस अवसर पर देशवासियों को विजयादशमी (Vijaya Dashami) की हार्दिक शुभकामनाएं दी. उन्होंने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल से एक संदेश जारी किया, जिसमें उन्होंने मां दुर्गा और प्रभु श्रीराम का आशीर्वाद प्राप्त करने की कामना करते हुए देश के हर व्यक्ति को जीवन के सभी क्षेत्रों में विजय हासिल करने की शुभेच्छा प्रकट की.

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा शस्त्र पूजा का आयोजन

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा शस्त्र पूजा का आयोजन

दशहरे (Dussehra) के इस अवसर पर नागपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने भी अपनी परंपरा का पालन करते हुए पथ संचलन का आयोजन किया. संघ के प्रमुख मोहन भागवत इस आयोजन में शामिल हुए और विजयादशमी के अवसर पर शस्त्र पूजा की रस्म निभाई. इस कार्यक्रम में पद्म भूषण और पूर्व ISRO प्रमुख के. राधाकृष्णन मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे. आरएसएस द्वारा हर साल दशहरे पर शस्त्र पूजा की जाती है, जो संगठन की धरोहर और वीरता की परंपरा का प्रतीक मानी जाती है.

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विजयादशमी का धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व

विजयादशमी का धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व

हिंदू पंचांग के अनुसार, आश्विन माह की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि पर मनाया जाने वाला यह पर्व धार्मिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण है. यह दिन उस विजय की याद दिलाता है जब भगवान श्रीराम ने लंकापति रावण का वध कर धर्म की स्थापना की थी. इसी कारण इसे ‘विजयादशमी’ (Vijaya Dashami) कहा जाता है. दशहरे (Dussehra) के दिन रावण दहन का आयोजन होता है, जिसे बुराई के अंत का प्रतीक माना जाता है. इसके अलावा, इस दिन शस्त्र पूजा, दुर्गा पूजा, राम पूजा और शमी पूजा का भी विशेष महत्व है.

असत्य पर सत्य की जीत

दशहरा (Dussehra) सिर्फ भगवान राम द्वारा रावण का वध करने का ही प्रतीक नहीं है, बल्कि यह मां दुर्गा द्वारा महिषासुर के अंत का भी जश्न है. मां दुर्गा ने दस दिन तक चले भीषण युद्ध में असुर महिषासुर को हराकर देवीत्व और धर्म की स्थापना की थी. इसी कारण इस दिन दुर्गा पूजा (Durga Puja) और शस्त्र पूजा को विशेष महत्व दिया जाता है. ऐसा माना जाता है कि विजयादशमी (Vijaya Dashami) के दिन जो भी कार्य शुरू किया जाता है, उसमें सफलता अवश्य मिलती है. विजयादशमी का पर्व भारतीय समाज में धार्मिक और सांस्कृतिक रूप से अत्यंत महत्वपूर्ण है. यह पर्व हमें यह याद दिलाता है कि बुराई कितनी भी शक्तिशाली क्यों न हो, अंततः सत्य और धर्म की विजय होती है.

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