Vaishakh Vinayak Chaturthi 2025: सनातन धर्म में कई सारे व्रत त्योहार पड़ते हैं और सभी का अपना महत्व भी होता है। लेकिन विनायक चतुर्थी को बेहद ही खास माना गया है। जो कि हर माह में पड़ता है। यह तिथि भगवान श्री गणेश को समर्पित है। इस दिन भक्त भगवान गणेश की विधिवत पूजा करते हैं और व्रत आदि भी रखते हैं।
मान्यता है कि इस दिन पूजा पाठ और व्रत करने से गौरी पुत्र गणेश की असीम कृपा बरसती है और कष्टों का निवारण हो जाता हैं पंचांग के अनुसार अभी वैशाख का महीना चल रहा है और इस माह पड़ने वाली विनायक चतुर्थी को वैशाख विनायक चतुर्थी के नाम से जाना जा रहा है। तो हम आपको अपने इस लेख द्वारा विनायक चतुर्थी की तारीख और मुहूर्त की जानकारी प्रदान कर रहे हैं।
कब है विनायक चतुर्थी
हिंदू पंचांग के अनुसार वैशाख माह के शुक्ल पक्ष में आने वाली चतुर्थी तिथि का आरंभ 30 अप्रैल को दोपहर 2 बजकर 11 मिनट से आरंभ हो रही है जो कि 1 मई को सुबह 11 बजकर 24 मिनट तक रहेगी। उदया तिथि के अनुसार 1 मई को विनायक चतुर्थी का व्रत किया जाएगा।
विनायक चतुर्थी की पूजा विधि
आपको बता दें कि विनायक चतुर्थी के शुभ दिन पर सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करें इसके बाद साफ वस्त्रों को धारण कर भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित करें। अब एक दीपक जलाएं और पूजा आरंभ करें। हाथ में जल लेकर अपनी मनोकामना का संकल्प करें और जल को जमीन पर छोड़ दें। फिर भगवान श्री गणेश का आह्वान करें और उन्हें आसन पर विराजमान होने के लिए प्रार्थना करें।
गणपति को लगाएं भोग
इसके बाद भगवान को पीले पुष्प, दूर्वा घास और बूंदी के लड्डू अर्पित करें। भगवान गणेश के मंत्रों का जाप कर उनकी विधिवत आरती करें। पूजा में अर्पित किए गए मोदक और फल सभी को प्रसाद के तौर पर वितरित करें। अगर आप इस दिन उपवास कर रहे हैं तो शाम को चंद्रमा के दर्शन करने के बाद ही व्रत का पारण करें।
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