Uttarkashi Disaster: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धराली क्षेत्र में हाल ही में आई भीषण प्राकृतिक आपदा के मद्देनजर राज्य सरकार ने राहत और बचाव कार्यों को तेज करने के लिए 20 करोड़ रुपये की तत्काल मंजूरी दी है। यह राशि प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों की गति और प्रभावशीलता को बढ़ाने के उद्देश्य से स्वीकृत की गई है। राज्य सरकार ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि राहत कार्यों में किसी प्रकार की ढिलाई नहीं होनी चाहिए और प्रभावित लोगों को शीघ्र सहायता पहुंचाई जाए।
वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों की तैनाती
आपदा की गंभीरता को देखते हुए पुलिस मुख्यालय की ओर से तत्काल वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की तैनाती की गई है। भारतीय पुलिस सेवा के उच्च अधिकारियों को उत्तरकाशी भेजा गया है, जिनमें एसडीआरएफ के आईजी अरुण मोहन जोशी, गढ़वाल रेंज के आईजी राजीव स्वरूप, एसपी प्रदीप कुमार राय, एसपी अमित श्रीवास्तव, एसपी सुरजीत सिंह पंवार और एसपी श्वेता चौबे शामिल हैं। इन अधिकारियों को राहत कार्यों की निगरानी और समन्वय की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
डिप्टी कमांडेंट व डिप्टी एसपी स्तर के अधिकारी भी किए गए रवाना
राहत और समन्वय कार्यों को और बेहतर बनाने के लिए एक डिप्टी कमांडेंट और 11 डिप्टी एसपी को भी प्रभावित क्षेत्रों में भेजा गया है। ये अधिकारी राहत कार्यों का नेतृत्व करेंगे और स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर जमीन पर काम को अंजाम देंगे। उन्हें स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि राहत कार्यों में कोई भी बाधा न आए और सभी प्रभावित लोगों को प्राथमिकता के आधार पर सहायता दी जाए।
विशेष बलों की तैनाती
आपदा प्रबंधन को और अधिक मजबूत बनाने के लिए देहरादून स्थित आईआरबी द्वितीय के सेनानायक श्वेता चौबे के नेतृत्व में एक कंपनी और 40वीं वाहिनी पीएसी के विशेष आपदा राहत दल के 140 जवानों को धराली क्षेत्र में तैनात किया गया है। ये जवान विशेष प्रशिक्षण प्राप्त हैं और कठिन परिस्थितियों में राहत एवं बचाव कार्यों में दक्ष हैं।
अन्य जिलों से 160 पुलिसकर्मी रवाना
प्रदेश के अन्य जिलों देहरादून, हरिद्वार, पौड़ी और टिहरी से भी कुल 160 पुलिसकर्मियों को उत्तरकाशी के प्रभावित इलाकों में रवाना किया गया है। ये पुलिसकर्मी निरीक्षक से लेकर आरक्षी स्तर तक हैं और उन्हें आवश्यक राहत उपकरणों से लैस किया गया है, ताकि वे मौके पर प्रभावी ढंग से कार्य कर सकें।
24 घंटे काम करेंगे सभी बल
सरकार और पुलिस प्रशासन का प्राथमिक उद्देश्य है कि जनहानि को न्यूनतम किया जाए और प्रभावित लोगों तक तुरंत सहायता पहुंचाई जाए। सभी तैनात बलों को 24 घंटे कार्यरत रहने के निर्देश दिए गए हैं। राहत कार्यों को समन्वय, गति और सटीकता के साथ अंजाम देने पर विशेष जोर दिया जा रहा है। प्रशासन की यह कोशिश है कि समय पर राहत पहुंचाकर पीड़ितों को सुरक्षित किया जाए और सामान्य स्थिति बहाल की जा सके।
उत्तरकाशी की इस आपदा में राज्य सरकार और पुलिस प्रशासन ने तत्काल निर्णय लेकर राहत एवं बचाव कार्यों को प्राथमिकता दी है। समन्वित प्रयासों से स्थिति पर जल्द नियंत्रण पाने का प्रयास जारी है।
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