Uttarakhand: पहाड़ से मैदान तक गुलदारों का जानलेवा आतंक जारी,एक को घर व दूसरे को दादी की गोद से घसीटा…

Mona Jha
By Mona Jha
गुलदारों का खूनी खेल
गुलदारों का खूनी खेल

Uttarakhand News: उत्तराखंड में गुलदारों का जानलेवा आतंक जारी है, पिछले कुछ दिनों से उत्तराखंड के पहाड़ी और मैदानी क्षेत्रों में गुलदार का खौफ बढ़ता जा रहा है। जंगलों से बाहर आकर गुलदार ग्रामीण इलाकों में दहशत फैला रहे हैं, जिससे स्थानीय लोगों में डर का माहौल है। गुरुवार को दो घटनाएं सामने आईं, जिनमें एक 11 साल का बच्चा और एक 2 साल की बच्ची गुलदार का शिकार बने।

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नानकमत्ता में 11 साल के बालक पर हमला

नानकमत्ता के बिचवा भूड़ इलाके में गुरुवार को दिल दहला देने वाली घटना हुई। यहां एक 11 साल का बालक अपने घर के आंगन में खेल रहा था, जब अचानक जंगल से निकला गुलदार उस पर हमला कर बैठा। बालक के पिता की आंखों के सामने गुलदार ने उसे गन्ने के खेत में खींच लिया। पिता ने बचाने की पूरी कोशिश की, लेकिन गुलदार की ताकत के सामने वह असहाय हो गए। गंभीर स्थिति में बालक को अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। यह घटना पूरे इलाके में शोक और भय का माहौल पैदा कर गई।

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बागेश्वर जिले में दो साल की बच्ची पर हमला

दूसरी घटना बागेश्वर जिले के औलानी गांव में हुई, जहां एक 2 साल की बच्ची अपनी दादी के साथ घर के आंगन में बैठी थी। अचानक, जंगल से निकला गुलदार बच्ची को घसीटकर जंगल की ओर ले गया। दादी ने बच्ची को बचाने की कोशिश की, लेकिन गुलदार उसे लेकर फरार हो गया। ग्रामीणों और वन विभाग की टीम ने तुरंत तलाश शुरू की, लेकिन कुछ घंटों बाद बच्ची का शव बरामद हुआ। इस घटना ने पूरे गांव को सदमे में डाल दिया है।

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जंगल से लगे गांवों में दहशत

नानकमत्ता का बिचवा भूड़ गांव रनसाली रेंज के जंगल से सटा हुआ है, जो गुलदार के लिए एक उपयुक्त शिकार स्थल बन गया है। इन क्षेत्रों में गुलदार के हमलों की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं, जिससे ग्रामीणों में डर और असुरक्षा की भावना बढ़ गई है। स्थानीय प्रशासन और वन विभाग इस समस्या से निपटने के लिए लगातार काम कर रहे हैं, लेकिन अब तक इस पर पूरी तरह से नियंत्रण नहीं पाया जा सका है।

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वन विभाग की तैयारी

गुलदार के हमलों से निपटने के लिए वन विभाग ने इलाके में गश्त बढ़ा दी है। गांवों के आसपास जाल लगाए जा रहे हैं ताकि गुलदार को पकड़ा जा सके। इसके अलावा, ग्रामीणों को सतर्क रहने और जंगलों के करीब न जाने की सलाह दी गई है। वन्यजीव विशेषज्ञों का कहना है कि जंगलों में भोजन की कमी के कारण गुलदार आबादी वाले इलाकों में घुस रहे हैं।

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