Manav Sampada UP: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) सरकार ने राज्य कर्मचारियों को अपनी चल-अचल संपत्ति का ब्यौरा देने के लिए एक महीने का अतिरिक्त समय दिया है। अब कर्मचारियों को 2 अक्टूबर तक संपत्ति का ब्यौरा देने की अनुमति दी गई है। पहले, 31 अगस्त तक ब्यौरा न देने वाले कर्मचारियों का अगस्त का वेतन रोकने का आदेश जारी किया गया था, लेकिन अब उन्हें एक महीने की छूट प्रदान की गई है।
संपत्ति का ब्यौरा देने के निर्देश दिए
मुख्य सचिव ने 17 अगस्त को सभी राज्य कर्मचारियों को अपनी संपत्ति का खुलासा करने के निर्देश दिए थे। इसके तहत सभी विभागों को यह सुनिश्चित करने के आदेश दिए गए थे कि केवल उन्हीं कर्मचारियों को अगस्त का वेतन दिया जाएगा जिन्होंने संपत्ति का ब्यौरा दिया है। आदेश जारी होने के समय तक राज्य में कुल 846,640 कर्मचारियों में से केवल 15% ने ही संपत्ति का ब्यौरा दर्ज किया था। हालांकि, 20 से 31 अगस्त के बीच यह संख्या बढ़कर 71% हो गई है।
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विभागों के बीच संपत्ति ब्यौरा देने में असमानता
संपत्ति ब्यौरा देने में टेक्सटाइल, सैनिक कल्याण, ऊर्जा, खेल, कृषि और महिला कल्याण विभाग के कर्मचारी सबसे आगे रहे हैं। इसके विपरीत, शिक्षा विभाग के कर्मचारियों ने अपनी संपत्ति का खुलासा नहीं किया है। बेसिक शिक्षा, उच्च शिक्षा, चिकित्सा स्वास्थ्य, औद्योगिक विकास और राजस्व विभाग के कर्मचारी इस मामले में सबसे पीछे हैं।
अतिरिक्त समय की करी मांग
डीजीपी मुख्यालय ने नियुक्ति विभाग को पत्र भेजकर पुलिस कर्मियों के लिए संपत्ति ब्यौरा देने की तिथि बढ़ाए जाने का अनुरोध किया है। पत्र में उल्लेख किया गया है कि त्योहारों और पुलिस भर्ती परीक्षा के कारण कई पुलिस कर्मी समय पर संपत्ति का ब्यौरा नहीं दे पाए। इस मांग के मद्देनजर, गृह विभाग के लिए तिथि बढ़ाए जाने की संभावना है।
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अगस्त का वेतन रोकने का था आदेश
शासन के उच्चपदस्थ सूत्रों के अनुसार, जिन अधिकारियों और कर्मचारियों का अगस्त का वेतन रोका गया है, उन्हें यह वेतन तभी जारी किया जाएगा जब वे संपत्ति का ब्यौरा प्रदान करेंगे। वेतन जारी करने का निर्णय संबंधित विभाग शासन के साथ बातचीत के बाद लिया जाएगा। उत्तर प्रदेश सरकार का यह कदम राज्य कर्मचारियों के संपत्ति ब्यौरा प्रक्रिया को सुचारू और पारदर्शी बनाने के प्रयासों का हिस्सा है। सरकार की इस पहल के बावजूद, कई विभागों के कर्मचारी संपत्ति का ब्यौरा देने में पीछे हैं। इस स्थिति को देखते हुए, अतिरिक्त समय दिए जाने से उम्मीद है कि अधिक कर्मचारी समय पर अपना ब्यौरा जमा कर सकेंगे और वेतन की समस्या का समाधान हो सकेगा।