Uttar Pradesh: स्वतंत्रता दिवस के ऐतिहासिक अवसर पर लाल किले की प्राचीर से ध्वजारोहण समारोह में उत्तर प्रदेश की 14 लखपति दीदियां विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल होंगी।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से आत्मनिर्भर बनी इन महिलाओं को केंद्र सरकार की ओर से स्वतंत्रता दिवस पर विशेष सम्मान दिया जाएगा।
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लाल किले पर ध्वजारोहण की साक्षी बनेंगी लखपति दीदियां

देशभर से आ रही 700 से अधिक महिलाओं में सर्वाधिक प्रतिनिधित्व उत्तर प्रदेश का रहेगा।केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान इन सभी लखपति दीदियों की मेजबानी करेंगे इनके ठहरने और खाने पीने की व्यवस्था रक्षा मंत्रालय की तरफ से की जा रही है।स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं की टीम के साथ यूपी से दो विशेष प्रतिनिधि भी दिल्ली जाएंगे।
“मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की दूरदर्शी सोच रंग लाई”
यूपी की महिलाओं को सम्मान दिए जाने को लेकर मिशन निदेशक दीपा रंजन ने बताया कि,सीएम योगी आदित्यनाथ की सोच और योजनाओं के परिणामस्वरूप आज उत्तर प्रदेश की लाखों महिलाएं स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से आत्मनिर्भर बनी हैं।ये महिलाएं घर पर ही घी,अचार,पापड़,नमकीन के उद्यम स्थापित करते हुए अन्य घरेलू उत्पाद तैयार कर न केवल अपना बल्कि अन्य महिलाओं का भी जीवन संवार रही हैं। इन्हीं प्रेरणादायक महिलाओं में से चयनित 14 लखपति दीदियां 15 अगस्त के राष्ट्रीय पर्व पर दिल्ली में लाल किले पर होने वाले समारोह की साक्षी बनेंगी।
स्वतंत्रता दिवस को लेकर महिलाओं में उत्साह
स्वतंत्रता दिवस को लेकर स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं में खासा उत्साह है।प्रत्येक लखपति दीदी को उनके पति या किसी एक सहयोगी के साथ दिल्ली भेजा जाएगा।रक्षा मंत्रालय की ओर से ठहरने और भोजन की पूरी व्यवस्था की जाएगी।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर इनकी सभी व्यवस्थाएं की जा रही हैं।डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य लखनऊ से इन सभी को रवाना करेंगे। यह अवसर न केवल सम्मान का प्रतीक है, बल्कि ग्रामीण महिलाओं के आत्मबल और मेहनत की खुली पहचान भी है।
लाखों कमा रहीं महिलाएं,बदलाव की लिख रहीं नई इबारत
मिशन निदेशक दीपा रंजन ने बताया कि,मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश की महिलाएं आर्थिक,सामाजिक और मानसिक रूप से सशक्त हो रही हैं। लखपति दीदी अभियान ने गरीब ग्रामीण महिलाओं को सशक्त उद्यमी बनने का मार्ग दिखाया है। आज वे लाखों में कमा रही हैं और गांवों में बदलाव की नई इबारत लिख रही हैं।