लिवर डिटॉक्स के लिए कच्ची हल्दी इस तरह करें इस्तेमाल…

Shankhdhar Shivi
By Shankhdhar Shivi

Digital- Aanchal Singh

Turmeric: हर घर की रसोई में पाया जाने वाला एक मसाला है। जो कि खाने का स्वाद और रंग बढ़ाने का काम करती है। लेकिन इन सब के साथ हल्दी के कई अन्य फायदे भी होते है, जिसके बारे में आज हम आपको इस खबर में बताएंगे। हल्दी में करक्यूमिन मैजूद होता है, जो कि एक ऐसा बायोएक्टिव तत्व है, जो चेहरे और शरीर के लिए कई प्रकार से काम कर सकता है।

आपको बता दें कि लिवर के लिए हल्दी बेहद फायदेमंद होती है। इसका इस्तेमाल खाने के साथ सर्दी-जुकाम, त्वचा रोग व और भी तरह की बिमारियों में प्रयोग किया जाता है। ठंड में तो इसका का सेवन करना बहुत ही फायदेमंद होता है। दरअसल, रोजाना हमारा शरीर कई प्रकार से फैट का प्रोडक्शन करता है। जिसमें से ट्रांस फैट लिवर सेल्स में जमा हो जाता है। जिसकी वजह से लिवर के काम काज में रुकावट हो जाती है और इसकी कोशिकाओं का नुकसान होता है। ऐसे में हल्दी इसे हेल्दी रखने में मदद कर सकती है।

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फायदे-

  • लिवर रहे स्वस्थ
  • अर्थराइटिस-ज्वाइंट्स पेन
  • पायरिया में 
  • रक्त शोधन
  • मजबूत हड्डियां
  • कैंसर से बचाएं
  • पाचन सुधारे
  • रंगत निखारे
  • सिर की फुंसियों
  • कान बहने में आराम
  • दाद खुजली में

कैसे इस्तेमाल करें –

  • कच्ची हल्दी को पीस लें और फिर गुनगुने पानी में इसका एक छोटा चम्मच मिला लें।
  • ऊपर से थोड़ा सा शहद स्वाद के लिए और नींबू असर को बढ़ाने के लिए मिला लें।
  • अब इसे मिक्स करके रोजाना खाली पेट इसका सेवन करें। इस तरह ये लिवर डिटॉक्स में मददगार होगी।

जानें हल्दी के साइड इफेक्ट-

आपको बता दें कि हल्दी कुछ मामलों में नुकसानदायक भी हो सकती है। जैसे कि ज्यादा मात्रा में हल्दी लेने से संभावित जोखिम हो सकते है। हल्दी में ऑक्सालेट होता है। इसकी ज्यादा खुराक से पूर्वनिर्धारित व्यक्तियों में गुर्दे की पथरी का खतरा बढ़ सकता है। गेहूं, जौ या राई के आटे वाली हल्दी का सेवन करने से ग्लूटेन असहिष्णुता या सीलिएक रोग वाले लोगों में प्रतिकूल लक्षण दिखाई दे सकते है।

अगर इसमे मेटानिल येलो मिला हुआ हो तो यह स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डाल सकता है इसे एसिड येलो भी कहते है। इसका ज्यादा मात्रा में सेवन करने से मेटानिल पीला कैंसर और तंत्रिका संबंधी क्षति हो सकती है।

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