Iran Israel War Sonia Gandhi:कांग्रेस संसदीय दल (CPP) की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने ईरान पर अमेरिका द्वारा किए गए हवाई हमलों को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने इस कार्रवाई को न्याय, मानवता और वैश्विक शांति के खिलाफ बताया और चेतावनी दी कि इससे पूरे क्षेत्र में युद्ध की आग और भड़क सकती है, जिसके गंभीर क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रभाव हो सकते हैं।सोनिया गांधी ने कहा कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ईरान की धरती पर अमेरिकी बमबारी और लक्षित हत्याओं की कड़े शब्दों में निंदा करती है। उन्होंने इस सैन्य कार्रवाई को अमानवीय और अनुचित करार दिया और इसे वैश्विक स्थिरता के लिए खतरा बताया।
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निर्दोषों की मौत पर जताई चिंता
सोनिया गांधी ने अमेरिका की इस कार्रवाई की तुलना इजरायल द्वारा गाजा में की गई सैन्य हिंसा से की। उन्होंने कहा कि जैसे गाजा में निर्दोष नागरिकों को निशाना बनाया गया, वैसे ही अब ईरान में भी आम लोगों का जीवन खतरे में डाला जा रहा है।उनका कहना था कि इस तरह की हिंसा मानवाधिकारों और अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन है। इससे केवल निर्दोष लोगों की जान नहीं जाती, बल्कि यह पूरे क्षेत्र की राजनीतिक स्थिरता और शांति प्रयासों को कमजोर कर देती है।
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उठाए कई सवाल
ईरान पर हमलों के मामले में सोनिया गांधी ने इससे पहले एक अखबार में भी लिखा था, जिसमें उन्होंने अमेरिका और इजरायल की नीतियों पर गहरा सवाल उठाया। उन्होंने लिखा कि इजरायल खुद एक परमाणु शक्ति है, जबकि ईरान के पास कोई प्रमाणित परमाणु हथियार नहीं हैं, फिर भी उसे लगातार निशाना बनाया जा रहा है।उन्होंने इस रवैये को इजरायल का दोहरा मापदंड करार दिया और कहा कि इससे न केवल क्षेत्रीय असंतुलन पैदा होता है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय भरोसे को भी ठेस पहुंचती है।
भारत की चुप्पी पर भी जताई नाराज़गी
अपने लेख में सोनिया गांधी ने भारत सरकार की चुप्पी पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि ईरान भारत का ऐतिहासिक और भरोसेमंद मित्र रहा है, ऐसे में इस संकट के समय भारत को एक साहसी और स्पष्ट रुख अपनाना चाहिए था। उन्होंने कहा कि भारत की चुप्पी पीड़ा और निराशा का कारण बन रही है।सोनिया गांधी ने सुझाव दिया कि भारत को अंतरराष्ट्रीय मंच पर मानवता और न्याय के पक्ष में आवाज उठानी चाहिए, क्योंकि यही उसकी परंपरा और जिम्मेदारी है।
ट्रंप की नीतियों पर भी उठाए सवाल
सोनिया गांधी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की विदेश नीति पर भी तीखी टिप्पणी की। उन्होंने लिखा कि ट्रंप पहले अमेरिका के अंतहीन युद्धों की आलोचना करते थे और सैन्य लॉबी के खिलाफ बोलते थे, लेकिन अब वे खुद उसी रास्ते पर चलते दिख रहे हैं।उन्होंने याद दिलाया कि ट्रंप ने स्वयं स्वीकार किया था कि इराक पर हमला झूठे आरोपों के आधार पर हुआ था, फिर भी अब वे वही गलतियाँ दोहरा रहे हैं।