IAS Puja Khedkar: प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर (IAS Puja Khedkar) पर लगे आरोपों के चलते यूपीएससी ने कड़ा कदम उठाया है। आयोग ने खेडकर के भविष्य में किसी भी परीक्षा या चयन प्रक्रिया में भाग लेने पर आजीवन रोक लगा दी है। साथ ही सिविल सेवा परीक्षा 2022 में उनकी उम्मीदवारी को भी रद्द कर दिया गया है। पूजा खेडकर पर आरोप है कि उन्होंने प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी के रूप में उन सुविधाओं की मांग की, जिनकी वे हकदार नहीं थीं। इसके अलावा, उन पर एक वरिष्ठ अधिकारी के चैंबर पर कब्जा करने और अपने पद का दुरुपयोग करने का भी आरोप है। जिलाधिकारी सुहास दिवसे ने वरिष्ठ अधिकारियों को खेडकर के आचरण के बारे में जानकारी दी थी।
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पुणे से वाशिम तबादला
पूजा खेडकर का तबादला पुणे से वाशिम कर दिया गया था, जहां उन्हें अतिरिक्त सहायक कलेक्टर के रूप में नियुक्ति मिली। जांच में पाया गया कि उन्होंने अपनी निजी ऑडी कार में लाल बत्ती और ‘महाराष्ट्र सरकार’ के प्लेट लगवाई थी, जिससे वे वाशिम की सड़कों पर घूमती नजर आईं।
UPSC की कड़ी कार्रवाई
यूपीएससी (UPSC) ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए पूजा खेडकर पर कड़ी कार्रवाई की है। आयोग ने सीएसई के पिछले 15 सालों के डाटा की समीक्षा की, जिसमें 15 हजार से ज्यादा कैंडिडेट्स शामिल थे। सभी रिकॉर्ड की जांच के बाद पाया गया कि खेडकर ने सिविल सेवा परीक्षा 2022 के नियमों का उल्लंघन किया है। इसके बाद आयोग ने उनकी उम्मीदवारी रद्द कर दी और उन्हें भविष्य में किसी भी परीक्षा में भाग लेने से रोक दिया।
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कारण बताओ नोटिस जारी
यूपीएससी ने पूजा खेडकर को कारण बताओ नोटिस जारी किया था, जिसमें पूछा गया था कि क्यों न उनकी सिविल सेवा परीक्षा 2022 की उम्मीदवारी को रद्द किया जाए। आयोग ने पहले ही संकेत दे दिए थे कि यदि खेडकर पर लगाए गए आरोप सही पाए जाते हैं, तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। यह घटना हमारे प्रशासनिक ढांचे में पारदर्शिता और अनुशासन की अनिवार्यता को उजागर करती है। सार्वजनिक पदों पर बैठे अधिकारियों को अपने आचरण में विशेष सावधानी बरतनी चाहिए, ताकि वे जनता के विश्वास को बनाए रख सकें। पूजा खेडकर के मामले में यूपीएससी का यह कदम प्रशासनिक सख्ती का अच्छा उदाहरण है, जो यह सुनिश्चित करता है कि नियमों का उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्यवाही अवश्य होगी।