UPS: ‘यू का मतलब मोदी सरकार का यू-टर्न ..’केंद्र सरकार की नई पेंशन योजना पर विपक्ष का तंज

Aanchal Singh
By Aanchal Singh

UPS: कांग्रेस ने केंद्र सरकार की हाल ही में घोषित एकीकृत पेंशन योजना (Unified Pension Scheme – UPS) पर तीखा हमला करते हुए इसे मोदी सरकार का एक और यू-टर्न करार दिया है. यह कटाक्ष तब आया जब शनिवार को केंद्र सरकार ने इस योजना की घोषणा की थी. इस योजना को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है, जिससे 23 लाख केंद्रीय कर्मचारियों को लाभ मिलने की उम्मीद है. इस योजना का लाभ उन सरकारी कर्मचारियों को मिलेगा जो 1 जनवरी 2004 के बाद सेवा में आए हैं. इस योजना के तहत, कर्मचारियों को उनके वेतन का 50 प्रतिशत पेंशन के रूप में दिया जाएगा.

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यूपीएस पर कांग्रेस का कटाक्ष

यूपीएस पर कांग्रेस का कटाक्ष

बताते चले कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने यूपीएस को लेकर सरकार पर तंज कसते हुए कहा, “यूपीएस में ‘यू’ का मतलब मोदी सरकार का यू-टर्न है!” उन्होंने इस संदर्भ में कहा कि 4 जून के बाद प्रधानमंत्री की सत्ता के अहंकार पर लोगों की शक्ति हावी हो गई है. खरगे ने कहा कि सत्ता में रहते हुए कई मुद्दों पर सरकार ने अपने रुख में बदलाव किया है, और यह यू-टर्न उसी का एक और उदाहरण है. उनके अनुसार, बजट में दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ, वक्फ विधेयक को जेपीसी को भेजना, प्रसारण विधेयक को वापस लेना, और लेटरल एंट्री को वापस लेना ऐसे उदाहरण हैं जहाँ सरकार ने जनता के दबाव के आगे झुकते हुए यू-टर्न लिया है.

एकीकृत पेंशन योजना के फायदे और विपक्ष की आलोचना

एकीकृत पेंशन योजना के फायदे और विपक्ष की आलोचना

केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में एकीकृत पेंशन योजना (UPS) को मंजूरी दी, जिसमें गारंटीकृत पेंशन का आश्वासन दिया गया है. यह योजना कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद न्यूनतम 10,000 रुपये प्रति माह की पेंशन की गारंटी देती है, बशर्ते उन्होंने कम से कम 10 साल की सेवा की हो. इसके अलावा, योजना के तहत कर्मचारी की मृत्यु के बाद उनके जीवनसाथी को पारिवारिक पेंशन दी जाएगी और पेंशन पर महंगाई राहत भी समय-समय पर प्रदान की जाएगी.

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने घोषणा करते हुए बताया कि यूपीएस में कर्मचारियों का योगदान 10 प्रतिशत और सरकार का योगदान 18.5 प्रतिशत रहेगा. विपक्षी दलों ने पुरानी पेंशन योजना (OPS) को वापस लाने की मांग की थी, जिसे कांग्रेस शासित राज्यों में लागू भी किया गया है. हालांकि, केंद्र सरकार ने ओपीएस को वित्तीय रूप से टिकाऊ न मानते हुए एनपीएस की जगह यूपीएस को लागू करने का फैसला किया है.

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लोकसभा चुनाव और पेंशन योजना की राजनीति

पुरानी पेंशन योजना (UPS) का मुद्दा लोकसभा चुनाव के समय गर्माया हुआ था, और विपक्ष ने इसे चुनावी मुद्दा बनाने की कोशिश की थी. कई राज्यों में पुरानी पेंशन योजना को लागू किया गया, जिसे वित्तीय रूप से सरकार के लिए भारी बताया गया था क्योंकि यह अंशदायी नहीं है. इसके चलते केंद्र सरकार ने एक नया पेंशन मॉडल पेश किया जो कर्मचारियों के लिए ज्यादा लाभदायक और सरकार के लिए वित्तीय रूप से स्थिर हो.

कांग्रेस का मानना है कि केंद्र सरकार ने लोगों की नाराजगी को देखते हुए यूपीएस को लागू करने का निर्णय लिया है. खरगे ने अपने बयान में कहा कि कांग्रेस हमेशा सरकार की जवाबदेही सुनिश्चित करेगी और 140 करोड़ भारतीयों को ‘इस निरंकुश सरकार’ से बचाने के लिए हर संभव प्रयास करेगी.

एकीकृत पेंशन योजना (UPS) को लेकर कांग्रेस का हमला और सरकार का पक्ष दर्शाता है कि यह मुद्दा आने वाले समय में राजनीतिक बहस का प्रमुख विषय बना रहेगा. पेंशन योजना के इस बदलाव का उद्देश्य जहां कर्मचारियों को बेहतर लाभ देना है, वहीं विपक्ष इसे सरकार का यू-टर्न मानकर अपनी राजनीतिक जमीन मजबूत करने की कोशिश कर रहा है.

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