UPS Pension Scheme: केंद्र सरकार ने शनिवार को बजट से कुछ दिन पहले एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया और यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) का गजट नोटिफिकेशन जारी किया। यह योजना 1 अप्रैल, 2025 से लागू होगी। यूपीएस की शुरुआत अगस्त में हुई थी, और यह पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) और राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) के बीच संतुलन बनाने का प्रयास करती है। यह सरकारी कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद गारंटीड पेंशन प्रदान करती है, जिससे उनकी वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित होती है।
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यूपीएस पर आलोचनाएं

हालांकि, इस योजना को लेकर कुछ मतभेद भी हैं। नेशनल मिशन फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम के अध्यक्ष, मंजीत सिंह पटेल, यूपीएस की आलोचना करते हुए इसे कर्मचारियों के लिए ज्यादा नुकसानदायक बताया है। उनका कहना है कि यूपीएस से कर्मचारियों को अपेक्षाकृत कम लाभ होगा, और इसके परिणामस्वरूप उन्हें नुकसान उठाना पड़ सकता है। उन्होंने इस योजना के गजट नोटिफिकेशन पर भी सवाल उठाए हैं और कहा कि इसमें कई महत्वपूर्ण सुधारों की आवश्यकता थी, जिन्हें अनदेखा किया गया।
यूपीएस योजना का विस्तृत विवरण
यूपीएस (UPS) योजना मुख्य रूप से केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए है जो एनपीएस के तहत आते हैं और यूपीएस को एक विकल्प के रूप में चुनते हैं। नोटिफिकेशन के अनुसार, मौजूदा और भविष्य के कर्मचारियों के पास यह विकल्प होगा कि वे एनपीएस के तहत यूपीएस को चुनें या फिर एनपीएस की वर्तमान प्रणाली को जारी रखें। योजना में यह भी स्पष्ट किया गया है कि यूपीएस का चयन करने वाले कर्मचारियों को किसी अन्य पॉलिसी रियायत या वित्तीय लाभ का दावा करने का अधिकार नहीं होगा।
रिटायरमेंट के बाद लाभ और पेंशन का प्रावधान

यूपीएस (UPS) के तहत कुछ प्रमुख लाभ हैं। 25 या उससे अधिक वर्षों तक सेवा देने वाले कर्मचारियों को उनके औसत मूल वेतन का 50 प्रतिशत सुनिश्चित पेंशन मिलेगी। 25 साल से कम सेवा वाले कर्मचारियों के लिए आनुपातिक पेंशन का प्रावधान है। इसके अलावा, कर्मचारियों को कम से कम 10 वर्षों की सेवा पूरी करने पर 10,000 रुपए प्रति माह की पेंशन की गारंटी दी जाएगी।
यूपीएस (UPS) के तहत महंगाई राहत भी दी जाएगी, जो महंगाई के रुझान के अनुसार कर्मचारियों को दी जाएगी। इसके अतिरिक्त, कर्मचारियों के निधन के बाद उनके परिवार को 60 प्रतिशत पारिवारिक पेंशन और ग्रेच्युटी का लाभ मिलेगा। साथ ही रिटायरमेंट के समय एकमुश्त रिटायरमेंट पेआउट भी सुनिश्चित किया गया है।
विरोध और मांगें
हालांकि, पेंशनर्स संगठन और यूपीएस के खिलाफ कुछ विरोध भी सामने आ रहे हैं। मंजीत सिंह पटेल ने कहा कि सरकार ने कुछ महत्वपूर्ण मांगों को नजरअंदाज किया है, जिनमें 25 वर्ष के सेवा लॉकइन को घटाकर 20 वर्ष करने की मांग शामिल थी। इसके अलावा, उन्होंने यह भी कहा कि वीआरएस लेने वाले कर्मचारियों को तुरंत पेंशन मिलनी चाहिए, जबकि यूपीएस के तहत उन्हें रिटायरमेंट एज का इंतजार करना होगा।
कर्मचारियों के लिए सुधार की जरूरत

संगठन की प्रमुख मांगों में से एक यह थी कि पेंशन के लिए 25 वर्ष का लॉकइन अवधि घटाकर 20 वर्ष किया जाए। इसके अलावा, कर्मचारियों ने यह भी अनुरोध किया था कि उन्हें एकमुश्त रकम की बजाय, उनके अंशदान पर ब्याज सहित वापसी का अधिकार दिया जाए। ये सभी बदलाव कर्मचारियों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए किए जाने की आवश्यकता थी, जिसे सरकार ने नजरअंदाज किया।
केंद्र सरकार की यूपीएस (UPS) योजना सरकारी कर्मचारियों के लिए एक नई दिशा हो सकती है, जो उन्हें रिटायरमेंट के बाद आर्थिक सुरक्षा प्रदान करेगी। हालांकि, इसके लागू होने से पहले कर्मचारियों और पेंशनर्स संगठनों की कुछ महत्वपूर्ण मांगों का समाधान करना जरूरी होगा। भविष्य में इस योजना के प्रभाव का आकलन किया जाएगा और इसके सुधार के लिए कदम उठाए जा सकते हैं।
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