UPPSC RO ARO Exam 2024: उत्तर प्रदेश पब्लिक सर्विस कमीशन (UPPSC) ने समीक्षा अधिकारी (RO) और सहायक समीक्षा अधिकारी (ARO) की प्रारंभिक परीक्षा में बड़ा बदलाव किया है। आयोग ने सोमवार को अपनी वेबसाइट पर एक महत्वपूर्ण नोटिस जारी किया, जिसमें 22 दिसंबर 2024 को होने वाली आरओ-एआरओ (RO ARO Exam) प्रारंभिक परीक्षा के प्रारूप में बदलाव की घोषणा की गई। अब इस परीक्षा में पहले की तरह दो पेपर नहीं होंगे, बल्कि सिर्फ एक ही पेपर आयोजित किया जाएगा।
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अब सिर्फ एक प्रश्नपत्र, तीन घंटे का समय
पहले इस परीक्षा में दो प्रश्नपत्र होते थे, एक सामान्य अध्ययन और दूसरा हिंदी। प्रत्येक पेपर के लिए दो घंटे का समय दिया जाता था। लेकिन अब यूपीपीएससी ने दोनों पेपर को मिलाकर एक ही प्रश्नपत्र में तब्दील कर दिया है, और इसके लिए अभ्यर्थियों को तीन घंटे का समय दिया जाएगा। नए प्रारूप के अनुसार, तीन घंटे की इस परीक्षा में कुल 200 अंकों के प्रश्न होंगे, जिसमें 140 प्रश्न सामान्य अध्ययन के और 60 प्रश्न हिंदी के होंगे।
पेपर लीक होने के बाद लिया गया फैसला
गौरतलब है कि फरवरी 2024 में आयोजित आरओ-एआरओ प्रारंभिक परीक्षा का पेपर लीक हो गया था, जिसके बाद यूपी सरकार ने इस परीक्षा को रद्द कर दिया था। इसके बाद आयोग ने 22 दिसंबर 2024 को नई तारीख तय की है। इस नए बदलाव के तहत परीक्षा को पारदर्शी और सुचारू रूप से आयोजित करने के लिए प्रारूप में बदलाव किया गया है। आयोग का यह कदम छात्रों के लिए राहत भरा है, क्योंकि अब उन्हें दो अलग-अलग पेपरों के बजाय एक ही पेपर में अपनी तैयारी करनी होगी।
क्या रहेगा नया प्रारूप?
नए प्रारूप के तहत अब परीक्षा में एक ही प्रश्नपत्र होगा, जो कुल 200 अंकों का होगा। इस पेपर में सामान्य अध्ययन के 140 और हिंदी के 60 प्रश्न होंगे। तीन घंटे की इस परीक्षा में अभ्यर्थियों को कुल 200 सवालों का उत्तर देना होगा। इससे न केवल परीक्षा के समय में बढ़ोतरी हुई है, बल्कि अब अभ्यर्थियों को दो पेपर के बजाय एक ही पेपर की तैयारी करनी होगी।
परीक्षा नियंत्रक का बयान
यूपीपीएससी (UPPSC) के परीक्षा नियंत्रक हर्ष देव पांडेय ने इस बदलाव की जानकारी देते हुए कहा कि यह निर्णय छात्रों की सुविधा और परीक्षा प्रक्रिया को और अधिक सरल बनाने के लिए लिया गया है। उन्होंने कहा, “पहले परीक्षा में दो अलग-अलग पेपर होते थे, लेकिन अब सिर्फ एक पेपर ही होगा। इससे परीक्षा में पारदर्शिता और परीक्षा प्रक्रिया में आसानी होगी।”
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अभ्यर्थियों के लिए यह फैसला कितना फायदेमंद?
इस बदलाव से अभ्यर्थियों के लिए अब परीक्षा की तैयारी थोड़ा आसान हो सकती है, क्योंकि अब उन्हें सिर्फ एक पेपर पर ध्यान केंद्रित करना होगा। पहले की तरह दो अलग-अलग पेपरों की तैयारी करने की जरूरत नहीं होगी, जो छात्रों के लिए मानसिक और शारीरिक दोनों तरह से थकावट का कारण बनता था। अब उन्हें सिर्फ एक पेपर में सामान्य अध्ययन और हिंदी पर फोकस करना होगा।
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कैसे करें तैयारी?
अब जब परीक्षा में एक ही प्रश्नपत्र होगा, अभ्यर्थियों को तैयारी के लिए अपनी रणनीति में बदलाव करना होगा। सामान्य अध्ययन और हिंदी के प्रश्न एक ही पेपर में आने वाले हैं, इसलिए दोनों विषयों के लिए बराबर ध्यान देना जरूरी होगा। अभ्यर्थियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि तीन घंटे के इस पेपर में वे समय का सही ढंग से प्रबंधन कर सकें, ताकि सभी सवालों के जवाब दिए जा सकें।
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अगली परीक्षा की तारीख
फरवरी में पेपर लीक होने के बाद रद्द की गई परीक्षा को अब दोबारा 22 दिसंबर 2024 को प्रस्तावित किया गया है। आयोग के परीक्षा कैलेंडर में इस नई तारीख को शामिल किया गया है, जिससे छात्रों को तैयारी के लिए पर्याप्त समय मिल सके।