UP: कांग्रेस के दिग्गज नेता Bholanath Pandey का निधन, इंदिरा गांधी की रिहाई के लिए किया था विमान हाईजैक

Akanksha Dikshit
By Akanksha Dikshit
Former Congress MLA Bhola Pandey Death

Former Congress MLA Bhola Pandey Death: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधायक भोलानाथ पांडेय (Bholanath Pandey) का शुक्रवार को निधन हो गया। उनका पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए लखनऊ के गोमती नगर स्थित उनके आवास पर रखा गया है। उनकी अंतिम यात्रा शनिवार सुबह भैंसा कुंड में निकाली जाएगी। भोलानाथ पांडेय अपने साहसिक और विवादास्पद कारनामों के लिए जाने जाते थे, जिनमें से एक हवाई जहाज हाईजैक का मामला आज भी लोगों के ज़ेहन में ताजा है।

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1978 का चर्चित हाईजैक कांड

साल 1978 में भोलानाथ पांडेय और उनके साथी देवेंद्र पांडेय ने एक ऐसा साहसिक कदम उठाया, जिसने पूरे देश को चौंका दिया था। 20 दिसंबर 1978 को, इंदिरा गांधी की गिरफ्तारी के विरोध में उन्होंने एक हवाई जहाज को हाईजैक कर लिया। यह घटना लखनऊ एयरपोर्ट से दिल्ली जाने वाली आईसी-410 फ्लाइट की थी। दोनों युवक जबरन कॉकपिट में घुसे और पायलट को खिलौना पिस्टल दिखाकर प्लेन को नेपाल की ओर ले जाने का आदेश दिया।

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इंदिरा गांधी की रिहाई की करी थी मांग

हाईजैकर्स ने इंदिरा गांधी को बिना शर्त रिहा करने की मांग की थी, जो उस समय जेल में थीं। उस समय प्रधानमंत्री मोरार जी देसाई और गृहमंत्री चौधरी चरण सिंह की सरकार थी। भोलानाथ पांडेय और देवेंद्र पांडेय की यह मांग उस समय के लिए बेहद संवेदनशील थी, जिसने देश की राजनीति में हलचल मचा दी थी। पायलट द्वारा ईंधन की कमी का हवाला देने के बाद, हाईजैकर्स ने प्लेन को वाराणसी में लैंड करवाने का फैसला किया। इसके बाद उन्होंने यात्रियों के बीच जाकर इंदिरा गांधी और संजय गांधी जिंदाबाद के नारे लगाए। हाईजैकर्स ने तत्कालीन यूपी के मुख्यमंत्री राम नरेश यादव से बातचीत की मांग की। मोरार जी देसाई के निर्देश पर राम नरेश यादव वाराणसी पहुंचे और अपहरणकर्ताओं से वार्ता की। हालांकि, रातभर की बातचीत के बाद भी कोई समाधान नहीं निकला।

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खिलौना पिस्टल से रचा हाईजैक का नाटक

इस हाईजैक ड्रामे का अंत तब हुआ जब भोलानाथ पांडेय और देवेंद्र पांडेय के पिता ने उनसे बातचीत की और उन्हें सरेंडर करने के लिए मनाया। जब पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया, तो यह खुलासा हुआ कि उनके पास असली हथियार नहीं थे, बल्कि केवल खिलौना पिस्टल और क्रिकेट बॉल थी। यह तथ्य सामने आने पर पुलिस भी हैरान रह गई थी।

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भोलानाथ पांडेय का राजनीतिक सफर

दो साल बाद, 1980 में जब इंदिरा गांधी फिर से सत्ता में आईं, तो उन्होंने भोलानाथ पांडेय और देवेंद्र पांडेय को उनके इस साहसिक कदम के लिए पुरस्कृत करते हुए विधानसभा का टिकट दिया। भोलानाथ पांडेय बलिया से दो बार विधायक चुने गए थे। भोलानाथ पांडेय का राजनीतिक सफर संघर्ष और साहसिक निर्णयों से भरा रहा। उनका यह हाईजैक कांड न केवल उनकी राजनीतिक यात्रा का महत्वपूर्ण हिस्सा था, बल्कि इसने उन्हें कांग्रेस पार्टी के भीतर एक मजबूत पहचान भी दिलाई। उनके निधन के साथ ही एक युग का अंत हो गया, जो भारतीय राजनीति के एक साहसी और विवादास्पद अध्याय का प्रतीक था।

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