UP News: समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने भाजपा सरकार पर आरोप लगाया है कि वह हर बात को छिपाने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) के बयानों में विरोधाभास है और उन्होंने स्पष्ट किया कि उन्होंने कभी भी किसी साधु-संत के खिलाफ कुछ नहीं कहा। यादव ने तंज कसते हुए कहा, “जो क्रोधी होगा वो योगी कैसे हो सकता है? हमारे मुख्यमंत्री तो मठाधीश हैं।”
वन नेशन वन इलेक्शन पर दी प्रतिक्रिया
बृहस्पतिवार को सपा कार्यालय में मीडिया से बातचीत करते हुए, अखिलेश यादव ने “वन नेशन वन इलेक्शन” के प्रस्ताव पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा, “महिला आरक्षण का प्रस्ताव कब लागू होगा? 18,626 पन्नों की रिपोर्ट 191 दिनों में तैयार की गई है। यह भाजपा का एक और प्रस्ताव है, जिसका उद्देश्य ‘वन नेशन, वन इलेक्शन और वन डोनेशन’ है।” सीएम योगी पर तंज कस्ते हुए सपा अध्यक्ष, यह कहते हुए कि वे एकमात्र ऐसे मुख्यमंत्री हैं जिन्होंने अपने ऊपर लगे मुकदमे वापस ले लिए हैं। उन्होंने पूछा, “क्यों अभी तक टॉप टेन माफियाओं की सूची जारी नहीं की गई है?”
Read more: Rahul Gandhi के खिलाफ बयानबाजी पर केंद्रीय मंत्री रवनीत बिट्टू पर दर्ज हुई FIR
जानवरों के आतंक का उठाया मुद्दा
अखिलेश यादव ने बहराइच के जिलों में भेड़ियों के हमलों के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के आने के बाद जानवरों का आतंक बढ़ गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चुनावी वादे का जिक्र करते हुए, उन्होंने कहा कि “जानवरों की समस्या का समाधान हो जाएगा” लेकिन अब जानवरों के हमले बढ़ते जा रहे हैं। जंगल के आसपास के जिलों में लोग गीदड़ और भेड़ियों से खौफ में हैं। अखिलेश यादव ने जानवरों के हमलों में मारे गए लोगों के परिजनों के लिए सरकार से आर्थिक सहायता की मांग की।
उन्होंने कहा, “मारे गए लोगों के परिजनों को 10 लाख रुपये और घायलों को 5 लाख रुपये दिए जाएं। इसके साथ ही जानवरों की समस्या से निपटने के लिए एसटीएफ (विशेष कार्य बल) का गठन किया जाए।” उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि वाइल्ड लाइफ मैनेजमेंट के लिए जारी किए गए अरबों रुपये का क्या हुआ।
Read more: J&K विधानसभा चुनाव पर Pakistan की नजर, Pak के रक्षा मंत्री ने आर्टिकल 370 पर दिया कांग्रेस-NC का साथ
भेड़ियों के आतंक से प्रभावित लोगों से की मुलाकात
बृहस्पतिवार को अखिलेश यादव ने बहराइच में भेड़ियों के आतंक से प्रभावित लोगों से मुलाकात की। उन्होंने घायलों को 25,000 रुपये और मृतकों के परिजनों को 50,000 रुपये का चेक देकर आर्थिक सहायता प्रदान की। यह कदम सपा द्वारा लोगों के प्रति सहानुभूति दर्शाने का एक प्रयास है। हालाँकि झुंझलाहट और तंज के बजाय, राजनेताओं को ठोस समाधान के लिए प्रयास करने चाहिए। समाज को ऐसे नेताओं की आवश्यकता है जो न केवल मुद्दों को उठाएं, बल्कि उनके समाधान के लिए भी काम करें।