UP Politics: लखनऊ में समाजवादी पार्टी (सपा) सुप्रीमो अखिलेश यादव और बीजेपी के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक के बीच जुबानी थमने का नाम नहीं ले रही है. इसी कड़ी में, बीजेपी के प्रदेश कार्यालय के बाहर एक बार फिर अखिलेश यादव के खिलाफ होर्डिंग्स लगाई गई हैं। इन होर्डिंग्स में ब्रजेश पाठक को ब्राह्मण समाज का नेता बताया गया है और अखिलेश यादव से माफी मांगने की मांग की गई है। यह पोस्टर वॉर अब सोशल मीडिया से होकर धरातल तक पहुंच गया है और सियासत में नया मोड़ ले लिया है।
डीएनए पर छिड़ी जुबानी जंग
समाजवादी पार्टी और उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक के बीच डीएनए पर जुबानी जंग लगातार जारी है। ब्रजेश पाठक ने हाल ही में एक बयान में दावा किया था कि सपा का जन्म मुस्लिम तुष्टिकरण के ‘डीएनए’ के साथ हुआ है और अखिलेश यादव की पूरी राजनीति का यही आधार है। इस पर अखिलेश यादव ने कड़ा जवाब देते हुए कहा कि भाजपा सरकार में अपने समुदाय का प्रतिनिधित्व करने में विफल रहे पाठक अब चाटुकारिता और निरर्थक बातें कर रहे हैं। उन्होंने इस मामले में सोशल मीडिया पर भी एक पोस्ट किया और कन्नौज के छिबरामऊ में एक मरीज की मौत के बारे में सवाल उठाए।
पोस्टर और ट्वीट्स के बीच सियासी हलचल
यूपी की सियासत में जुबानी जंग के बाद अब पोस्टर वॉर भी शुरू हो गया है। पहले यह विवाद सोशल मीडिया पर था, लेकिन अब यह सड़कों पर भी दिखने लगा है। लखनऊ में समाजवादी पार्टी के खिलाफ पोस्टर लगाए गए हैं, जिनमें लिखा है, “अखिलेश यादव माफी मांगो।” इन पोस्टरों में यह भी लिखा गया है, “अखिलेश यादव माफी मांगे, अभद्र टिप्पणी बंद करो, शर्म करो शर्म करो।” यह पोस्टर ब्रजेश पाठक के खिलाफ सपा की सोशल मीडिया सेल द्वारा की गई कथित अपमानजनक टिप्पणी के बाद लगाए गए हैं। इस मामले में कई एफआईआर भी दर्ज की गई हैं, जिनमें समाजवादी पार्टी की सोशल मीडिया सेल को आरोपित किया गया है।
सोशल मीडिया से सड़कों तक पहुंची जंग
राज्य की सियासत में अक्सर बयानबाजी और राजनीतिक उथल-पुथल होती रहती है, लेकिन इस बार डीएनए को लेकर चल रही जुबानी जंग ने नया मोड़ लिया है। पहले यह लड़ाई सोशल मीडिया पर थी, जहां ब्रजेश पाठक और अखिलेश यादव के बीच ट्विटर वॉर चल रहा था। अब यह विवाद सड़कों पर फैल चुका है, और दोनों पार्टियों के बीच पोस्टरों के जरिए अपनी-अपनी राय रखने का तरीका सामने आया है। इस विवाद ने राज्य की राजनीति में एक नई हलचल पैदा कर दी है और यह देखना दिलचस्प होगा कि आगे जाकर यह जंग कैसे आकार लेती है।
तूल पकड़ता जा रहा विवाद
उत्तर प्रदेश की सियासत में फिलहाल यह विवाद तूल पकड़ चुका है और अब यह देखना अहम होगा कि यह जुबानी जंग किस दिशा में जाती है। क्या ब्रजेश पाठक और अखिलेश यादव के बीच की खाई और गहरी होगी या फिर किसी मोर्चे पर मामला शांत होगा? फिलहाल तो यह पोस्टर वॉर और ट्वीट्स का दौर जारी है, और राजनीति में आने वाले दिनों में इसकी छाया साफ देखी जा सकती है। इस जुबानी जंग और पोस्टर वॉर के बीच उत्तर प्रदेश की राजनीति में चल रहे तनाव को समझना महत्वपूर्ण है। दोनों नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप के इस खेल में अब माफी की मांग का मुद्दा भी आ चुका है, जिससे सियासी माहौल और भी गर्मा गया है।
Read More: UP Weather Update: उत्तर प्रदेश में मौसम में बदलाव, 38 जिलों में बारिश और गरज चमक का अलर्ट जारी